प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज वाराणसी में प्रधानमंत्री आत्म निर्भर स्वस्थ भारत योजना का शुभारंभ करने जा रहे हैं। सरकार का दावा है कि यह देश में हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की सबसे बड़ी योजनाओं में से एक होगी। इसके तहत अगले छह साल में कुल 64,180 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस योजना को मंजूरी दी है। जिसकी घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को पेश किए गए बजट में की थी। इस योजना के तहत स्वास्थ्य देखभाल के बुनियादी ढांचे में 10 सबसे कमजोर राज्यों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके अलावा देश के 602 जिलों में क्रिटिकल केयर सुविधाएं भी शुरू की जाएंगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 1 फरवरी, 2021 को पेश किए गए बजट में प्रधानमंत्री आत्म निर्भर स्वस्थ भारत योजना की घोषणा की गई थी। इसके तहत देश में स्वास्थ्य देखभाल के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे द्वारा 15 मार्च को लोकसभा में दी गई जानकारी के अनुसार 2025-26 तक स्वास्थ्य देखभाल के बुनियादी ढांचे पर 64,180 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. इसके तहत निम्नलिखित इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा।
1. 10 विशेष फोकस वाले राज्यों में 17,788 ग्रामीण स्वास्थ्य और आरोग्य केंद्रों के लिए सहायता
2. सभी राज्यों में 11,024 शहरी स्वास्थ्य एवं आरोग्य केंद्रों की स्थापना।
3. देश के सभी जिलों में एकीकृत जन स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं की स्थापना और 11 राज्यों के 3382 ब्लॉक में जन स्वास्थ्य इकाइयों की स्थापना
4. देश के 602 जिलों और 12 केंद्रीय संस्थानों में क्रिटिकल केयर अस्पताल ब्लॉक की स्थापना।
5. राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र की 5 क्षेत्रीय शाखाओं और 20 महानगर स्वास्थ्य निगरानी इकाइयों को मजबूत करना
6. सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं को जोड़ने के लिए सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में एकीकृत स्वास्थ्य सूचना पोर्टल का विस्तार
7. सत्रह नई सार्वजनिक स्वास्थ्य इकाइयां शुरू करना और 32 हवाई अड्डों, 11 बंदरगाहों और 7 लैंड क्रॉसिंग पर स्थित 33 मौजूदा सार्वजनिक स्वास्थ्य इकाइयों को मजबूत करना।
8. पंद्रह स्वास्थ्य आपातकालीन संचालन केन्द्रों और 2 मोबाइल अस्पतालों की स्थापना
9. एक राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान की स्थापना, WHO के दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र के लिए एक क्षेत्रीय अनुसंधान मंच, 9 जैव सुरक्षा स्तर-3 प्रयोगशालाएं और 4 क्षेत्रीय राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान की स्थापना की जाएगी।
PMASBY का उद्देश्य ब्लॉक, जिला, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर आईटी आधारित रोग निगरानी प्रणाली विकसित करना है। जिसके तहत इन क्षेत्रों में प्रयोगशालाओं का एक नेटवर्क विकसित करना है। इसके लिए स्वास्थ्य इकाइयों को मजबूत करके, उन्हें बीमारी के प्रसार का प्रभावी ढंग से पता लगाने, परीक्षण करने, रोकने और मुकाबला करने के लिए तैयार करना है। साथ ही इसके जरिए
राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति, 2017 की सिफारिशों के अनुसार समयबद्ध तरीके से 2025 तक सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यय को सकल घरेलू उत्पाद के 1.15 प्रतिशत से बढ़ाकर 2.5% करने का लक्ष्य है।