अपने जम्मू-कश्मीर दौरे के आखिरी दिन सोमवार को श्रीनगर में विभिन्न विकास योजनाओं का उद्घाटन किया. उसके बाद जब गृह मंत्री मंच पर बोलने आए तो उससे पहले उन्होंने वहां बुलेटप्रूफ शीशा लगवा लिया. सुरक्षाकर्मियों द्वारा बुलेटप्रूफ ग्लास हटाए जाने के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि वह जम्मू-कश्मीर के लोगों से सीधे बात करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि मुझे ताना मारा गया, निंदा की गई… आज मैं आपसे खुलकर बात करना चाहता हूं। यही वजह है कि यहां कोई बुलेटप्रूफ शील्ड या सुरक्षा नहीं है। फारूक साहब ने मुझे पाकिस्तान से बात करने का सुझाव दिया है, लेकिन मैं कश्मीर के युवाओं – यहां के लोगों से बात करूंगा। मैं यहां के युवाओं से दोस्ती करना चाहता हूं। कश्मीर के लोग मेरे अपने हैं, मुझे उनकी बात सुननी है।
गृह मंत्री ने कश्मीरियों को भरोसा दिलाया कि अब यहां की शांति और चल रही विकास योजनाओं को कोई ताकत नहीं रोक सकती. उन्होंने पूरे दावे के साथ कहा कि अब आप लोग अपने दिल से डर निकाल दें। कश्मीर की शांति और विकास को अब कोई नहीं बिगाड़ सकता। PM मोदी के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर में तेजी से विकास होगा। किसी को भी इस प्रक्रिया में खलल डालने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
#WATCH | J&K Lieutenant Governor Manoj Sinha had the bulletproof glass shield removed from the podium before addressing a gathering in Srinagar earlier today. pic.twitter.com/s41gF7icDN
— ANI (@ANI) October 25, 2021
5 अगस्त 2019 के बाद जम्मू-कश्मीर में कर्फ्यू और इंटरनेट बंद का जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा कि अगर 5 अगस्त के बाद इंटरनेट बंद नहीं किया होता तो युवाओं की भावनाओं को भड़काकर जो स्थिति पैदा होती उसमें कौन मरता, कश्मीर का युवा मरता। हम नहीं चाहते थे कि कश्मीर के युवा पर किसी को गोली चलानी पड़े।
उन्होंने कहा कि 5 अगस्त 2019 को हमने फैसला लिया था, उसके बाद मैं पहली बार आया हूं. मैं कहना चाहूंगा कि मोदी जी के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर में, खासकर घाटी में विकास के एक नए युग की शुरुआत हुई है। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि 2024 तक इसके परिणाम भी बेहद खूबसूरत होंगे।
फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि तीन परिवारों ने यहां 70 साल तक शासन किया है। ये समझे ना समझे हम ज़रूर समझते हैं कि एक बूढ़े बाप पर युवा बेटे के जनाज़े का बोझ कितना बड़ा होता है।