परेश रावल के इस किरदार पर सोशियल मीडिया पर खूब मीम्स बन रहे हैं. लोग एक-दूसरे के डायलॉग्स के वीडियो भेजकर खुश हैं।
अपने लोकप्रिय किरदार ‘बाबूराव आप्टे’ से छुटकारा पाना चाहते हैं परेश रावल, हेरा फेरी 2 को लेकर बड़ी चर्चा
परेश रावल का मशहूर किरदार बाबू राव हर किसी के पसंदीदा किरदारों में से एक है. जहां एक तरफ हेरा फेरी के फैंस इसकी तीसरी किस्त बनने की खबर को गूगल पर सर्च करते रहते हैं। वहीं इस फ्रेंचाइजी का सबसे अहम किरदार निभाने वाले परेश रावल अब इस किरदार से छुटकारा पाने की बात कर रहे हैं. बाबूराव आप्टे परेश रावल के सबसे लोकप्रिय और सम्मानित पात्रों में से एक हैं।
कहा- बहुत गंदगी थी
परेश रावल ने द क्विंट को दिए एक इंटरव्यू में बातचीत के दौरान ‘फिर हेरा फेरी’ के दौरान के अपने अनुभव साझा किए. उन्होंने कहा कि हेरा फेरी की दूसरी किस्त में उस मासूमियत की कमी थी जो पहली फिल्म का सार थी। आगे बात करते हुए उन्होंने कहा कि सुनील शेट्टी इस फिल्म में सबसे ईमानदार व्यक्ति थे और इसलिए दूसरी किस्त में भी वह अलग दिखे।
जब इंटरव्यूअर ने उन्हें बताया कि सोशियल मीडिया पर इस किरदार पर खूब मीम्स बनते हैं. लोग एक-दूसरे को अपने डायलॉग्स के वीडियो भेजकर खुश होते हैं, तो उनका जवाब था कि मैं इन सब से थक गया हूं। यह सब अब थका देने वाला लगता है। फिल्म के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, “हेरा फेरी में जो हुआ, हम बहुत ज्यादा स्मार्ट थे। बहुत अधिक बुद्धि दिखा रहे थे और यह काम नहीं कर रहा था।
सुनील शेट्टी ने की तारीफ
इस इंटरव्यू के दौरान परेश ने सुनील शेट्टी के काम का जिक्र करते हुए कहा, ”सब के अलावा एक आदमी था जो काम कर रहा था, जो बहुत ईमानदार था, वो सुनील शेट्टी थे. चीजें और हम देखते हैं, बहुत गड़बड़ थी। इस दौरान, जब उनसे इस प्रसिद्ध फ्रेंचाइजी की तीसरी किस्त के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि जब भी ऐसा होता है, तो मासूमियत की जरूरत होती है, यह वहां नहीं था … गंदा हो गया। सच तो यह है कि मैं अब इससे छुटकारा पाना चाहता हूं।
आपको बता दें, फिल्म हेरा फेरी में परेश रावल के साथ अक्षय कुमार और सुनील शेट्टी मुख्य भूमिका में थे। इस फिल्म का निर्देशन प्रियदर्शन ने किया था। साल 2000 में रिलीज हुई इस फिल्म की गिनती कल्ट फिल्मों की कैटेगरी में होती है. जबकि इसकी दूसरी किस्त फिर हेरा फेरी का निर्देशन नीरज वोहरा ने किया था जो पहली किस्त की तरह प्रभावी नहीं थी।