भाई दूज
भारत में हर त्योहार का अपना महत्व होता है, लेकिन भाई-बहन के प्यार को दर्शाने वाले त्योहार का एक अलग महत्व होता है। ऐसा ही एक त्योहार है भाई दूज। यह एक ऐसा त्योहार है जिसमें भाई-बहन का प्यार झलकता है।
तो आइए जानते हैं क्या है भाई दूज का त्योहार मनाने के पीछे की कहानी। यह कैसे मनाया है? इसकी पूजा और शुभ मुहूर्त क्या है?
कैसे मनाएं भाई दूज का त्योहार
भाई दूज का त्योहार दिवाली के बाद मनाया जाता है। यह पर्व भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है। इस दिन बहन अपने भाई की सफलता और समृद्धि के लिए प्रार्थना करती है। साथ ही भाई हर सुख-दुख में अपनी बहन का साथ देने का संकल्प लेता है। इसके साथ ही भाई अपनी बहन को उपहार देता है।
भाई दूज क्यों मनाते हैं
ऐसा माना जाता है कि इस दिन राक्षस नरकासुर का वध करने के बाद भगवान कृष्ण अपनी बहन सुभद्रा से मिले थे। इस यात्रा के दौरान उन्होंने पूजा की थाली ली और उनका टीकाकरण भी कराया।
भाई दूज का शुभ मुहूर्त
इस साल भाई दूज 6 नवंबर, दिन शनिवार 2021 को मनाया जाएगा। हिंदू कैलेंडर के अनुसार भाई दूज की पूजा का शुभ समय दोपहर 1:10 से 3:21 के बीच है।
भाई दूज पूजा विधि
भाई दूज के दिन चावल से रंग वीरंगा चौक बनाया जाता है। इस चौक पर भाई विराजमान हैं। इसके बाद बहन भाई के माथे पर तिलक करती है और फिर भाई की आरती करने से पहले उसे फल, सुपारी, चीनी, सुपारी और काले चने देती है। इसके बाद भाई जीवन भर अपनी बहन की रक्षा करने का संकल्प लेता है। साथ ही उपहार भेंट करते हैं।