बिहार के 36 जिलों के 55 प्रखंडों में पंचायत चुनाव के 8वें चरण के लिए मतदान शुरू हो गया है. जिला परिषद सदस्य मुखिया पंचायत समिति, वार्ड सदस्य, सरपंच और पंच पदों के लिए वोटों की कतार लंबी होती जा रही है.
बिहार में आठवें चरण के लिए मतदान शुरू हो गया है.
बिहार के 36 जिलों के 55 प्रखंडों में बुधवार सुबह सात बजे से आठवें चरण के पंचायत चुनाव के लिए मतदान शुरू हो गया है. हालांकि कई जगहों पर ईवीएम खराब होने के कारण मतदान में देरी होती दिख रही है. वहीं नक्सलियों के बंद का भी चुनाव पर कोई असर नहीं दिख रहा है. मतदान केंद्रों पर गांव का मुखिया चुनने के लिए सुबह से ही मतदाताओं की लंबी लाइन लगी हुई है. ऐसे में जहां लोगों में वोटिंग को लेकर भी खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. वहीं, मतदान केंद्रों पर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं।
दरअसल, पंचायती राज के तहत शाम पांच बजे तक 11,527 बूथों पर जिला परिषद सदस्य, मुखिया, पंचायत समिति सदस्य, वॉर्ड सदस्य, सरपंच और पंच पदों के लिए वोट डाले जाएंगे. वहीं, राज्य चुनाव आयोग ने शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव के लिए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए हैं. अररिया के पलासी प्रखंड में शांतिपूर्ण माहौल में मतदान शुरू हो गया है. वहीं डुमरिया जैसे अति नक्सल प्रभावित इलाकों में भी भारी संख्या में महिलाएं बूथों पर पहुंच चुकी हैं. जहां गया जिले के इमामगंज और डुमरिया में वोटिंग हो रही है.
कुछ बूथों पर ईवीएम में आई तकनीकी दिक्कत
गौरतलब है कि बांका के कटोरिया प्रखंड की 15 पंचायतों में मतदान शुरू हो गया है. जहां कई पदों के 1549 उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरे हैं. 1.16 लाख मतदाता हैं। ऐसे में चुनाव के लिए 208 बूथों पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है. हालांकि शुरुआती चरण में कुछ बूथों पर ईवीएम में तकनीकी दिक्कत आई है, जिसे दूर किया जा रहा है। वहीं, पश्चिमी चंपारण के गोनाहा प्रखंड के मंगुराहां गांव के बूथ संख्या 56 व 57 पर कतार नजर आ रही है.
जिले के गोनाहा और योगपट्टी प्रखंडों में पंचायत चुनाव को लेकर बूथों पर कतारें लगने लगी हैं. ऐसे में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए गोनाहा के 255 और योगपट्टी में 262 मतदान केंद्रों पर मतदान जारी है. दोनों प्रखंडों की 18-18 पंचायतों में मतदान हो रहा है. वहीं खेसराय के सूर्यगढ़ा प्रखंड के वंशीपुर पंचायत में मतदान शुरू हो गया है.
बूथों पर होगा मतदाताओं का बायोमेट्रिक सत्यापन
बता दें कि मतदान के लिए बूथों पर मतदाता का बायोमेट्रिक सत्यापन किया जा रहा है. इस व्यवस्था के तहत फर्जी मतदाता पकड़े जाएंगे। ऐसे लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। वहीं, इन मामलों में जुर्माने के साथ एक साल तक की जेल भी हो सकती है।