Hindi News, Latest News in Hindi, हिन्दी समाचार, Hindi Newspaper
कैरियर / जॉबभारतराज्य

यूपी-टीईटी पेपर लीक: एसटीएफ का खुलासा! 2 अफसरों को पता था कब, कहां और कैसे लीक होगा पेपर, ऐसे खुले पोल

एसटीएफ की टीम को जांच के दौरान पता चला कि 3 जिलों में 5 परीक्षा केंद्रों को भी चिह्नित किया गया था, लेकिन परीक्षा से 3 दिन पहले 28 नवंबर को गिरोह ने अपनी रणनीति बदल दी. इसके बाद केंद्रों पर पहुंचने से पहले ही पेपर लीक हो गया।

Advertisement

प्रश्न पत्र लीक मामले की अंदरूनी कहानी
उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी यूपी-टीईटी के पेपर लीक के बाद यूपी सरकार सख्त रवैया अपना रही है. जहां टीईटी का पेपर लीक होने के मामले में प्रिंटिंग से लेकर परीक्षा केंद्र तक की सारी जानकारी बेहद गोपनीय रखी गई थी, फिर भी इस पूरी प्रक्रिया में शामिल 2 अधिकारियों को इस बात की जानकारी थी कि इस परीक्षा का पेपर लीक होना है. हालांकि यह पेपर कहां से और कैसे लीक होगा, इसको लेकर भी सब कुछ तय हो गया था। ऐसे में सवाल यह है कि पेपर लीक कहां से हुआ।

दरअसल, 3 जिलों के 5 परीक्षा केंद्रों को भी चिह्नित किया गया था. लेकिन परीक्षा से 3 दिन पहले 28 नवंबर को गिरोह ने अपनी रणनीति बदल दी. इसके बाद परीक्षा केंद्रों पर पहुंचने से पहले ही पेपर लीक हो गया। हालांकि अब तक एसटीएफ ने पुलिस की जांच के बाद तैयार की गई पहली रिपोर्ट में ऐसे ही सबूत लिखे हैं। साथ ही इन सभी की रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाएगी। इसके बाद एसटीएफ की टीम को पता चला कि परीक्षा के लिए कई सेटों में पेपर तैयार किए गए थे।

गिरोह के सदस्यों के बीच लालच में धांधली का पर्दाफाश
बता दें कि एसटीएफ की टीम द्वारा की गई जांच में पता चला है कि पेपर सॉल्वर के जरिए सिर्फ 300 उम्मीदवारों तक पहुंचने का फैसला किया गया था. लेकिन, गिरोह के कुछ सदस्यों ने अपनी रणनीति से ज्यादा लालच में व्हॉट्सएप पर पेमप्लेट्स का सवाल और भी कई लोगों तक पहुंचा दिया. लेकिन गिरोह के सदस्यों के लालच में पता चला कि सब कुछ सामने आ गया और पेपर लीक का मामला ऊपर तक पहुंच गया. ऐसे में परीक्षा से चंद घंटे पहले ही एसटीएफ की टीम ने छापेमारी शुरू कर दी.

परीक्षा से एक दिन पहले कोषागार से केंद्रों पर पहुंचते हैं पेपर
गौरतलब है कि पेपर छपने के बाद इसे उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों के जिला कोषालय में रखा जाता है. ऐसे में परीक्षा की तारीख से एक दिन पहले कोषागार से केंद्र तक पेपर ले जाने का समय आ गया है. वहीं, डीएम की देखरेख में प्रत्येक केंद्र के लिए केंद्रों की संख्या के अनुसार मजिस्ट्रेट बनाए जाते हैं और वे मजिस्ट्रेट ड्यूटी के अनुसार केंद्रों तक कागजात पहुंचाते हैं.

हालांकि परीक्षा केंद्र पर तैनात स्टेटिक मेजिस्ट्रेट की मौजूदगी में सीलबंद कागज़ का लिफाफा खोला जाता है. लेकिन कागज़ छापने से लेकर केंद्र तक पहुंचने तक हर चरण में फुल प्रूफ बनाया जाता है। यहां तक ​​कि इसकी टाइमिंग का प्रोटोकॉल भी बना लिया गया है। पेपर सुबह 7.15 से 7.30 बजे तक केंद्र में लाया जाता है। वहीं परीक्षा केंद्र पर तैनात अधिकारी के सामने सुबह नौ बजे कागज़ का लिफाफा खोला जाता है. ऐसे में हर कदम पर जिला प्रशासन की पैनी नज़र है.

Related posts

बुजुर्ग कांग्रेस में यूथ कांग्रेस का बगावत

Live Bharat Times

बिहार: BJP ने महागठबंधन का मुकाबला करने के लिए की ‘जंगल राज’ पर बयानबाजी

Live Bharat Times

‘आपकी तपस्या में कमी है…’, अग्निपथ योजना को लेकर विरोध के बीच मोदी सरकार पर ओवैसी का बड़ा हमला, जानिए किसने क्या कहा

Live Bharat Times

Leave a Comment