शास्त्रों में सुबह हथेलियों को देखना बताया गया है। ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से व्यक्ति का दुर्भाग्य सौभाग्य में भी बदल सकता है। जानिए सुबह के समय हथेलियों को देखने का क्या महत्व है।
सुबह का समय बहुत शक्तिशाली माना जाता है। इस समय में हमेशा वही काम करें जिससे आपको सकारात्मक ऊर्जा मिल सके। ऐसा माना जाता है कि अगर आप सुबह की शुरुआत सकारात्मक ऊर्जा के साथ करते हैं तो आपका पूरा दिन सार्थक हो जाता है। इसके बाद आप दिन में जो भी काम करें उसे पूरी ऊर्जा के साथ करें और आपको सफलता मिलेगी।
इस सकारात्मकता को बनाए रखने और मन में नई आशा और उत्साह पैदा करने के लिए, हमारे ऋषि मुनियों ने सुबह हमारे हाथों के दर्शन करने की सलाह दी है। ज्योतिष शास्त्र में हथेली में बनी रेखाओं को भाग्य से जोड़कर देखा जाता है। ऐसा माना जाता है कि अगर आंख खुलते ही आपकी हथेलियों को सबसे पहले देखा जाए तो यह व्यक्ति के दुर्भाग्य को सौभाग्य में भी बदल सकता है। जानिए इस मान्यता के पीछे का महत्व।
यह है धार्मिक मान्यता
शास्त्रों में कहा गया है कि ‘करगरे वसते लक्ष्मी, कर्मधे सरस्वती, करमुले तू गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम्’ अर्थात मेरे हाथों के अग्र भाग में धन की देवी का वास है, बीच में ज्ञान की दाता मां सरस्वती का वास है। और मूल में गोविन्द अर्थात भगवान विष्णु का वास है और प्रातः काल दर्शन करना चाहिए। मां सरस्वती को ज्ञान की देवी माना जाता है और देवी लक्ष्मी धन की देवी हैं और भगवान विष्णु संसार के पालनकर्ता हैं, इसलिए जो व्यक्ति सुबह उनका ध्यान करता है उसे इन तीनों का आशीर्वाद मिलता है। ऐसे व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि, बुद्धि, कौशल, प्रसिद्धि आदि किसी भी चीज की कमी नहीं होती है।
हथेलियों में भी तीर्थ स्थान का माना जाता है
दोनों हाथों की हथेलियों में भी तीर्थ का स्थान माना जाता है। शास्त्रों में बताया गया है कि हमारे हाथों की चार अंगुलियों के अग्र भाग में ‘देवतीर्थ’ होते हैं। तर्जनी के मूल भाग में ‘पिर्थ’, छोटी उंगली के मूल भाग में ‘प्रजापतिर्थ’ और अंगूठे के मूल भाग में ‘ब्रह्मतीर्थ’ माना जाता है। दाहिने हाथ के बीच में ‘अग्नितीर्थ’ और बाएं हाथ के बीच में ‘सोमतीर्थ’ है और उंगलियों के सभी पोर और जोड़ों में ‘ऋषिर्थ’ है। इस तरह जब हम सुबह उठकर अपनी हथेलियों को देखते हैं तो हमें भगवान के साथ-साथ इन तीर्थों के दर्शन भी होते हैं। ऐसे में हमारे जीवन में सब कुछ शुभ होता है।
हस्त दर्शन से प्राप्त कर्म पर विश्वास करने की सीख
वहीं अगर व्यवहारिक दृष्टि से देखा जाए तो हम कोई भी काम अपने हाथों से ही करते हैं। प्रातः काल हथेलियाँ देखने का अर्थ है कर्म पर विश्वास करना। अपने कार्यों में सुधार करके वह स्वयं अपना उज्ज्वल भविष्य बना सकता है। इसके अलावा हाथ में तीर्थ और भगवान का वास होने का मतलब है कि व्यक्ति को जीवन में कभी भी कोई गलत काम नहीं करना चाहिए। हमेशा अपने हाथों से यहोवा को प्रणाम करो और अच्छे कामों के लिए उनका इस्तेमाल करो। हमेशा दूसरों का भला करें, लेकिन कभी भी खुद पर दूसरों पर निर्भर न रहें।