यूपी में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की छापेमारी जारी है.
एसपी एमएलसी पुष्पराज जैन के ठिकानों पर आयकर विभाग की छापेमारी.
यूपी में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की छापेमारी जारी है. इससे पहले मध्य पूर्व से करीब 40 करोड़ रुपये के निवेश के कागजात मिले थे। बड़ी संख्या में जब्ती के दस्तावेजों की जांच की जा रही है.
ऑनलाइन रिपोर्ट्स के मुताबिक, आयकर विभाग ने कानपुर, कन्नौज, लखनऊ, दिल्ली, मुंबई और हाथरस में पम्पी जैन और मलिक ग्रुप के 35 ठिकानों पर छापेमारी की थी. शनिवार तक कानपुर और लखनऊ समेत 15 परिसरों की जांच पूरी हो चुकी है। रविवार को 8 और दफ्तरों, गोदामों और कॉरपोरेट दफ्तरों की चेकिंग की गई. बताया गया कि अभी 12 जगहों पर इनकम टैक्स की टीम जांच कर रही है.
पम्पी जैन ने फर्जी कंपनियों के जरिए ली दस करोड़ रुपए की एंट्री
आयकर विभाग के सूत्रों के मुताबिक इससे पहले पम्पी जैन के मुंबई स्थित घर से दो करोड़ रुपये मिल चुके हैं. इसके साथ ही मध्य पूर्व से करीब 40 करोड़ के फर्जी निवेश के दस्तावेज मिले। आयकर विभाग की जांच में खुलासा हुआ कि पम्पी जैन ने कोलकाता की फर्जी कंपनियों के जरिए दस करोड़ रुपये की एंट्री ली थी. इन कंपनियों की जांच में सभी फर्जी निकले। इसके अलावा 10 करोड़ रुपये की फर्जी खरीद-बिक्री के भी सबूत मिले हैं. इनकम टैक्स की टीम की पड़ताल में यह भी पता चला कि कागजों में आधे मुनाफे और आधी बिक्री को कुल कारोबार में दिखाया जा रहा था. इसकी जांच में बिल ही फर्जी निकला।
कानपुर में बहनोई पुष्पराज उर्फ पम्पी जैन के दोनों घरों को जांच टीम ने सील कर दिया है, इसकी जांच बाद में की जाएगी, फिलहाल सीलिंग की कार्रवाई की गई है. वहीं, मलिक ग्रुप में साढ़े तीन करोड़ रुपए मिले हैं। जांच के बाद इनकम टैक्स की टीम ने सारे कागजात और रजिस्टर को सील कर दिया है.
पीयूष जैन के घर से करीब 197 करोड़ रुपए की संपत्ति मिली है।
पीयूष जैन के घर से करीब 197 करोड़ रुपए की संपत्ति मिली है। नोट के साथ ही उसमें कई किलो सोना-चांदी भी था। वहीं, पीयूष जैन के पास मिले नोटों की जांच कर इसके स्रोत का पता लगाने की तैयारी की जा रही है। वहीं पीयूष जैन के पास से दो हज़ार के नोट मिले हैं। वह इस बात की भी जांच करने की तैयारी कर रहे हैं कि उन्हें बैंकों से इतनी बड़ी रकम कैसे मिली और किस बैंक ने उन्हें यह रकम जारी की है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आयकर विभाग पांच सौ रुपये के तीन लाख रुपये के नए नोटों का मिलान करने की तैयारी कर रहा है. ताकि यह पता चल सके कि बंडल किस बैंक से थोक में जारी किए गए थे। क्योंकि ऐसे में बिना बैंकों की मिलीभगत के इतनी बड़ी रकम नहीं निकाली जा सकती है.