तिरुवनंतपुरम के सामाजिक-सांस्कृतिक क्षेत्र में एक प्रमुख व्यक्ति, पिल्लई सभी राजनीतिक दलों के लिए एक सम्मानित व्यक्ति थे और देश के बार एसोसिएशन के सबसे वरिष्ठ सदस्यों में से एक थे। पिल्लई तिरुवनंतपुरम निगम के पहले पार्षदों में से एक थे।
केरल के स्वतंत्रता सेनानी अय्यप्पन पिल्लई का निधन
केरल के स्वतंत्रता सेनानी, जाने-माने वकील और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दिग्गज नेता के अय्यप्पन पिल्लई का उम्र संबंधी बीमारियों के कारण तिरुवनंतपुरम में निधन हो गया। वह 107 वर्ष के थे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन सहित कई नेताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।
अय्यप्पन पिल्लई के पारिवारिक सूत्रों ने बुधवार को कहा कि वह उम्र संबंधी बीमारियों के कारण कुछ समय से अस्वस्थ थे और यहां एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था।
पिल्लई सामाजिक-सांस्कृतिक क्षेत्र में एक प्रमुख व्यक्ति थे
केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम के सामाजिक-सांस्कृतिक क्षेत्र में एक प्रमुख व्यक्ति, पिल्लई सभी राजनीतिक दलों के लिए एक सम्मानित व्यक्ति थे और देश के बार एसोसिएशन के सबसे वरिष्ठ सदस्यों में से एक थे। पिल्लई तिरुवनंतपुरम निगम के पहले पार्षदों में से एक थे।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रशंसक, पिल्लई ने भारत छोड़ो आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई। महात्मा गांधी की सलाह पर पिल्लई ने त्रावणकोर की तत्कालीन रियासत में छोटी उम्र में ही लोक सेवा के क्षेत्र में कदम रख दिया था।
वे त्रावणकोर राज्य कॉंग्रेस के समर्थक थे। उन्हें कई मौकों पर कॉंग्रेस नेताओं द्वारा शाही प्रशासन के सामने लोगों की शिकायतों को रखने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। पिल्लई बाद में प्रजा समाजवादी दल और फिर भाजपा में शामिल हो गए। पिल्लई कुछ साल पहले एक ऐसे व्यक्ति के रूप में सुर्खियों में आए थे, जो आजादी के बाद किसी भी चुनाव में अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग करने से कभी नहीं कतराते थे।
बीजेपी के टिकट पर लड़े चुनाव लेकिन जीत नहीं पाए
उन्होंने एक पूर्व साक्षात्कार में समाचार एजेंसी ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया था कि उन्होंने ‘जिम्मेदार सरकार’ की संविधान सभा के प्रतिनिधियों को चुनने के लिए फरवरी 1948 में त्रावणकोर में पहला वोट डाला था। इस सभा को बाद में नेताओं के अनुरोध पर विधान सभा की शक्तियाँ प्रदान की गईं। पिल्लई ने कहा था, “मैंने अपना पहला वोट यहां पैंगोडे में त्रावणकोर स्टेट फोर्स सैन्य शिविर में एक मतदान केंद्र पर डाला।”
उन्होंने बताया था कि उसके बाद से उन्होंने हर वोट में अपने मताधिकार का प्रयोग किया। उन्होंने 1980 के दशक में तिरुवनंतपुरम से भाजपा के टिकट पर चुनाव भी लड़ा, लेकिन वे जीत नहीं पाए।
Pained to learn about the passing away of Adv. K. Ayyappan Pillai Ji, a renowned freedom fighter and veteran leader of @BJP4Keralam. He made immense contributions towards India’s freedom struggle and expanding BJP’s footprints in Kerala. My condolences to his family. Om Shanti.
— Amit Shah (@AmitShah) January 5, 2022
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अय्यप्पन पिल्लई के निधन पर शोक व्यक्त किया है। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने पिल्लई के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि एक प्रमुख सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ता होने के अलावा, उन्होंने एक प्रसिद्ध वकील के रूप में भी अपनी छाप छोड़ी। पिल्लई के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल तालाबंदी के दौरान पिल्लई से फोन पर बात की थी।