जानकारी के मुताबिक राज्य में ज्यादातर लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है. जिससे संक्रमण तेजी से नहीं फैल रहा है। इसके साथ ही राज्य में अब तक 87.7 फीसदी लोगों को कोरोना वैक्सीन की पहली खुराक और 51.17 फीसदी लोगों को वैक्सीन की दूसरी खुराक दी जा चुकी है.
सीएम योगी आदित्यनाथ
देश में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. उत्तर प्रदेश में भी यूपी में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे हैं. कोरोना की दूसरी लहर से राज्य सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है और इसे देखते हुए राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है. राज्य में पिछले एक हफ्ते के दौरान कोरोना के मामलों में छह गुना से ज्यादा का इजाफा हुआ है. लेकिन राज्य सरकार का दावा है कि राज्य में पर्याप्त संख्या में बेड उपलब्ध हैं और राज्य में ऑक्सीजन की कमी नहीं होगी. जबकि पहली और दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी से राज्य के हालात बेहद खराब थे.
राज्य में कोरोना के बढ़ते मामलों का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य में 2038 नए मामले दर्ज किए गए हैं. इसके बाद राज्य में सक्रिय मरीजों की संख्या 5158 पहुंच गई है। राज्य सरकार का कहना है कि राज्य के 33 जिलों में 10 से भी कम सक्रिय मामले हैं। वहीं, राज्य में कोरोना संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार 15 से 18 साल के युवाओं का टीकाकरण कर रही है. वहीं 10 जनवरी से प्रदेश में बुजुर्गों और फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए बूस्टर डोज़ लागू किया जाएगा.
राज्य के अस्पतालों में खाली हैं बेड
हालांकि राज्य में कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं. लेकिन राज्य के 99 फीसदी से ज्यादा सरकारी और निजी अस्पताल खाली हैं. क्योंकि कोरोना मरीजों में हल्के लक्षण होते हैं। जिससे मरीज़ अस्पतालों में भर्ती नहीं हो पा रहे हैं। अगर राजधानी लखनऊ की बात करें तो यहां के सरकारी अस्पतालों में कोविड मरीजों के बेड पूरी तरह से खाली हैं. वहीं, कुछ निजी अस्पतालों में एक-दो मरीज़ भर्ती हैं। जिले के बलरामपुर अस्पताल में 320 बेड कोविड मरीजों के लिए रखे गए हैं और यहां के सभी बेड खाली हैं. वहीं, टीएसएम मेडिकल कॉलेज में 275 बेड में से 275 और आरएमएल में 200 में से 200 बेड खाली हैं. यही हाल निजी अस्पतालों का भी है। सहारा अस्पताल में 40 में से 40 बेड खाली हैं, जबकि चंदन अस्पताल में 93 में से 93 बेड खाली हैं.
यूपी में तेजी से टीकाकरण
जानकारी के मुताबिक राज्य में ज्यादातर लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है. जिससे संक्रमण तेजी से नहीं फैल रहा है। इसके साथ ही राज्य में अब तक 87.7 फीसदी लोगों को कोरोना वैक्सीन की पहली खुराक और 51.17 फीसदी लोगों को वैक्सीन की दूसरी खुराक दी जा चुकी है. इसके अलावा अब तक 4.60 लाख से अधिक 15 से 18 वर्ष के किशोरों को कोरोना की पहली खुराक दी जा चुकी है।
मॉनिटरिंग कमिति हुई सक्रिय
प्रदेश में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के प्रकोप को देखते हुए राज्य सरकार ने गांवों में गठित निगरानी समितियों को फिर से सक्रिय कर दिया है. दरअसल, राज्य में कोरोना की पहली और दूसरी लहर में निगरानी समितियों का गठन किया गया और इसके माध्यम से राज्य सरकार गांवों और शहरों में संक्रमण को रोकने में सफल रही. इसलिए अब कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए इन निगरानी समितियों को अलर्ट कर दिया गया है।
डीजी स्वास्थ्य का दावा- नहीं होगी बेड की कमी
राज्य के डीजी स्वास्थ्य डॉ. देवव्रत सिंह ने बताया कि राज्य में स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए तैयारी शुरू कर दी है. राज्य में टीकाकरण अभियान चल रहा है। डीजी हेल्थ का दावा है कि इस बार राज्य में बेड की कमी नहीं होगी और ऑक्सीजन की कमी नहीं होगी. उन्होंने कहा कि राज्य के सरकारी अस्पतालों में 70 हजार बेड तैयार किए गए हैं और इसमें निजी और मेडिकल कॉलेजों के बेड शामिल नहीं हैं. अभी राज्य के सभी सीएमओ को बेड डेटा एकत्र करने के लिए कहा गया है और अंतिम स्थिति जल्द ही विभाग के पास होगी। उन्होंने बताया है कि प्रदेश में 550 ऑक्सीजन प्लांट और स्वास्थ्य विभाग के पास 30 हजार ऑक्सीजन सिलिंडर मौजूद हैं. जबकि निजी अस्पतालों और शिक्षण संस्थानों के भी अपने संसाधन हैं।