3 जनवरी से देश में 15 साल से 18 साल के बच्चों को भी कोरोना से बचने के लिए वैक्सीन की डोज दी जा रही है. इसी कड़ी में लक्षदीप ने बड़ा मुकाम हासिल किया है. लक्षद्वीप में 15 से 18 वर्ष आयु वर्ग के सभी पात्र बच्चों का शत-प्रतिशत टीकाकरण पूरा कर लिया गया है।
लक्षद्वीप में 15 से 18 साल के बच्चों का शत-प्रतिशत टीकाकरण
इस समय देश में कोरोनावायरस की तीसरी लहर चल रही है। इसका मुकाबला करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं. 3 जनवरी से देश में 15 साल से 18 साल के बच्चों को भी कोरोना से बचने के लिए वैक्सीन की डोज दी जा रही है. इसी कड़ी में लक्षद्वीप ने एक बड़ा मुकाम हासिल किया है. लक्षद्वीप में 15 से 18 वर्ष आयु वर्ग के सभी पात्र बच्चों का शत-प्रतिशत टीकाकरण पूरा कर लिया गया है। इसके साथ ही यह उपलब्धि हासिल करने वाला केंद्र शासित प्रदेशों और राज्यों में पहला केंद्र शासित प्रदेश बन गया है।
लक्षद्वीप के प्रशासक ने 3 जनवरी को बच्चों के लिए टीकाकरण अभियान शुरू किया था। लक्ष्यदीप के कलेक्टर एवं सचिव एस असकर अली द्वारा जारी पत्र के अनुसार, राज्य में 15 से 18 वर्ष के आयु वर्ग के 3492 बच्चों को टीका लगाया गया है. उन्होंने बताया कि टीकाकरण के प्रति जागरुकता लाने के लिए स्कूल समेत हर जगह अभियान चलाए गए. केंद्र शासित प्रदेश में भी एहतियाती डोज लगाए जा रहे हैं।
देश भर में कितने टीकाकरण हुए
पिछले 24 घंटों में दी गई 76 से अधिक वैक्सीन खुराक के साथ, भारत की COVID-19 टीकाकरण संख्या 153.70 करोड़ से अधिक हो गई है। राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के हिस्से के रूप में, केंद्र सरकार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को मुफ्त COVID टीके प्रदान करके और कोरोना के खिलाफ युद्ध में एक मजबूत भूमिका निभाकर उन्हें पूर्ण समर्थन दे रही है।
टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाने की कोशिश कर रही केंद्र सरकार
स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि केंद्र सरकार लगातार देश भर में कोविड-19 के टीकाकरण का दायरा बढ़ाने और लोगों के टीकाकरण की गति को तेज करने की कोशिश कर रही है. कोविड-19 की वैक्सीन सभी को उपलब्ध कराने के लिए 21 जून 2021 से नए चरण की शुरुआत की गई थी। अधिक से अधिक टीकों की उपलब्धता के माध्यम से टीकाकरण अभियान की गति को बढ़ाया गया है। इसके तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को टीकों की उपलब्धता के बारे में पूर्व सूचना प्रदान की जाती है, ताकि वे वैक्सीन की बेहतर योजना बना सकें और वैक्सीन की आपूर्ति श्रृंखला में सुधार कर सकें।