हिन्दू धर्म में जिस प्रकार पीपल, बरगद, आंवला आदि वृक्षों का महत्व बताया गया है, उसी प्रकार आक के वृक्ष का भी विशेष महत्व है। आक के पेड़ में गणपति का वास माना जाता है और इसके फूल महादेव को बहुत प्रिय होते हैं।
आक के धार्मिक और ज्योतिषीय उपाय
हिंदू धर्म में पेड़-पौधों के लक्षण और उनका धार्मिक महत्व बताया गया है। इस कड़ी में आज हम बात करेंगे आक ट्री के बारे में। इस पेड़ को आम भाषा में आकरा, अकुआ और मदार के नाम से जाना जाता है। यह पौधा आपको रास्ते में किसी भी बंजर भूमि में आसानी से देखने को मिल जाएगा। इसमें सफेद और हल्के बैंगनी रंग के फूल होते हैं। ऐसा माना जाता है कि आक के पेड़ में स्वयं विघ्नहर्ता गणेश का वास होता है। इसके फूल भगवान शिव को बहुत प्रिय हैं। कहा जाता है कि अगर इसे शुभ मुहूर्त में घर में लगाया जाए तो यह पौधा आपके लिए बहुत बड़ा काम कर सकता है। इसके बारे में यहां जानिए।
गंभीर बीमारी भी पकड़ी
ज्योतिषी डॉ. अरविंद मिश्रा के अनुसार यदि किसी व्यक्ति का रोग पकड़ में नहीं आ रहा है तो आक की जड़ का उपाय मददगार हो सकता है। इसके लिए रविवार के दिन आक की जड़ को पुष्य नक्षत्र में लाकर गंगाजल से धो लें। इस जड़ पर सिंदूर लगाएं और गुग्गल की धूप दें। इसके बाद श्रद्धा से गणपति के 108 मंत्रों का जाप करें। इसके बाद रोगी के सिर के ऊपर से जड़ को 7 बार हटाकर शाम को किसी सुनसान जगह पर गाड़ दें। ऐसा करने के कुछ समय बाद आप रोगी की बीमारी को पकड़ लेंगे।
संतान सुख प्राप्त करने में सहायक
आक की जड़ संतान को सुख देने वाली भी मानी जाती है। संतान सुख से वंचित स्त्री माहवारी से निवृत्त होकर आक की जड़ को कमर में बांध लें। इसे लगातार अगले माहवारी आने तक बांधना होता है। ऐसा करने से स्त्री को संतान सुख की प्राप्ति अवश्य होती है।
जादू टोना को बेअसर करता है
ज्योतिषाचार्य का कहना है कि रविपुष्य योग में यदि घर के मुख्य द्वार के पास सफेद फूल वाला आक का पौधा लगाया जाए तो यह पौधा घर को बुरी नजर, जादू-टोना और तंत्र-मंत्रों के दुष्प्रभाव से बचाता है। इसे लगाने से परिवार पर बुरी आत्माओं, दुर्भाग्य और बुरे ग्रहों की वृद्धि का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। यदि किसी व्यक्ति पर तांत्रिक क्रिया हुई हो तो आक के टुकड़े को न्यौता देकर कमर में बांधने से तांत्रिक क्रिया निष्फल हो जाती है।
भाग्य लाने वाला
यह पेड़ सौभाग्य लाने वाला माना जाता है। यदि आपका भाग्य साथ नहीं दे रहा है तो इसकी जड़ को आमंत्रित कर दाहिने हाथ में बांधकर शाक्तनाशन स्तोत्र का पाठ करें, जिससे भगवान गणेश को सौभाग्य की प्राप्ति होती है।