बीजेपी के चुनावी रणनीतिकार और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आगामी विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के प्रचार के लिए 27 जनवरी को मथुरा का दौरा करेंगे. वह जनसंपर्क अभियान के तहत वहां के लोगों से संपर्क करेंगे.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने 31 जनवरी तक चुनावी रैलियों पर रोक लगा दी है. वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जनसंपर्क और घर-घर जाकर प्रचार के जरिए जनता तक पहुंच रही है. जानकारी के मुताबिक बीजेपी के चुनावी रणनीतिकार और केंद्रीय गृह मंत्री 27 जनवरी को मथुरा जाएंगे और वहां पार्टी के लिए प्रचार करेंगे. जानकारी के मुताबिक 26 जनवरी के बाद बीजेपी के तमाम बड़े नेता यूपी समेत चुनावी राज्यों में प्रचार करेंगे.
दरअसल, अमित शाह ने पिछले हफ्ते पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कैराना से घर-घर जाकर प्रचार किया था. कैराना में अमित शाह ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश से हिंदुओं के पलायन का मुद्दा जोरदार तरीके से उठाया. वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कैराना के बाद अब अमित शाह मथुरा जाएंगे. अमित शाह मथुरा के साथ-साथ गौतमबुद्धनगर (नोएडा) के लिए भी प्रचार करेंगे। वहीं केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह 27 जनवरी को बागपत और गाजियाबाद में होंगे और घर-घर जाकर प्रचार करेंगे. अमित शाह के मथुरा दौरे को लेकर कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं. क्योंकि अयोध्या के बाद काशी और मथुरा बीजेपी के चुनावी एजेंडे में हैं और किसी भी हाल में बीजेपी को छोड़ना नहीं चाहते.
वेस्ट यूपी में 2017 में बीजेपी को मिली बड़ी जीत
दरअसल, वेस्ट यूपी में 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को बड़ी जीत मिली थी. क्योंकि पश्चिम में अच्छी खासी मुस्लिम आबादी है और इसके बावजूद बीजेपी इस इलाके में सीटें जीतने में सफल रही है. इसके साथ ही बीजेपी को इस बार भी बड़ी जीत की उम्मीद है. हालांकि किसानों के आंदोलन का खामियाजा बीजेपी को भी भुगतना पड़ सकता है और विपक्षी दल इसी रणनीति के तहत बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल रहे हैं.
अमित शाह का यूपी में 300 सीटें जीतने का दावा
यूपी में 2017 के विधानसभा चुनाव में अकेले बीजेपी ने 312 सीटें जीती थीं जबकि सहयोगी दलों के साथ बीजेपी गठबंधन ने 325 सीटें जीती थीं. वहीं इस बार भी बीजेपी नेता अमित शाह ने राज्य में 300 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है. गौरतलब है कि अमित शाह ने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव और राज्य में 2017 के विधानसभा चुनाव में पार्टी के लिए आक्रामक प्रचार किया था और इसका फायदा पार्टी को भी मिला था.