प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने और इसके इस्तेमाल को रोकने के लिए दुनिया भर में अलग-अलग अभियान चलाए जा रहे हैं। कुछ समय पहले खबर आई थी कि समुद्री जीवों के शरीर में माइक्रोप्लास्टिक पहुंच रहा है, जिससे उनकी मौत हो रही है।
अब नीदरलैंड के वैज्ञानिकों ने एक चौंकाने वाला शोध किया है। उन्हें मानव रक्त में प्लास्टिक के टुकड़े भी मिले हैं। ऐसा दुनिया में पहली बार हुआ है। ये टुकड़े दिखने में बहुत छोटे यानी माइक्रोप्लास्टिक होते हैं। इस अध्ययन में वैज्ञानिकों ने 22 लोगों के नमूने लिए, जिनमें से 17 के खून में प्लास्टिक के कण पाए गए. यह बेहद चिंताजनक बताया जा रहा है.
सबसे पहले जानते हैं माइक्रोप्लास्टिक क्या है?
आवर्धक कांच के बिना माइक्रोप्लास्टिक कणों को देखना असंभव है।
आवर्धक कांच के बिना माइक्रोप्लास्टिक कणों को देखना असंभव है।
माइक्रोप्लास्टिक प्लास्टिक के 5 मिलीमीटर या उससे कम आकार के छोटे टुकड़े होते हैं। वे इतने छोटे हैं कि उन्हें बिना आवर्धक कांच के नग्न आंखों से देखना मुश्किल है। वैज्ञानिक अभी भी इन छोटे कणों के प्रभाव को कम करने की कोशिश कर रहे हैं। वे पानी, खाद्य पदार्थों और भूमि की सतह जैसे स्थानों में मौजूद हैं। इनके माध्यम से वे शरीर तक पहुंचते हैं।
रक्त में पाए जाने वाले 5 प्रकार के माइक्रोप्लास्टिक
शोध के दौरान वैज्ञानिकों ने इंसानों के खून में 5 तरह के प्लास्टिक पाए हैं। इनमें मुख्य रूप से पॉलीमेथाइल मेथैक्रिलेट (पीएमएमए), पॉलीप्रोपाइलीन (पीपी), पॉलीस्टाइनिन (पीएस), पॉलीइथाइलीन (पीई), और पॉलीइथाइलीन टेरेफ्थेलेट (पीईटी) शामिल हैं।
शरीर में जा रही बोतल, खाने के पैकेट का प्लास्टिक
पानी की बोतलों और खाने के पैकेटों के प्लास्टिक को आगे माइक्रोप्लास्टिक में बदल दिया जाता है।
पानी की बोतलों और खाने के पैकेटों के प्लास्टिक को आगे माइक्रोप्लास्टिक में बदल दिया जाता है।
इसके अलावा 23 फीसदी लोगों में पॉलीथिन (पीई) पाई गई, जो प्लास्टिक की थैलियों में पाई जाती है। केवल एक व्यक्ति में पॉलीमेथाइल मेथैक्रिलेट (पीएमएमए) पाया गया और किसी भी रक्त के नमूने में पॉलीप्रोपाइलीन (पीपी) नहीं था।
ऐसे होती है शरीर में प्लास्टिक की एंट्री
प्लास्टिक हवा के साथ-साथ खाने-पीने के जरिए मानव शरीर में प्रवेश कर सकता है। लोगों को इस बात की जानकारी नहीं होती है कि खाने, पीने और सांस लेने के दौरान प्लास्टिक के छोटे-छोटे कण उनके शरीर के अंदर जा रहे हैं।
कई बीमारियां हो सकती हैं
माइक्रोप्लास्टिक दिखने में छोटा होता है, लेकिन इससे कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं।
माइक्रोप्लास्टिक दिखने में छोटा होता है, लेकिन इससे कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
नीदरलैंड में व्रीजे यूनिवर्सिटी एम्स्टर्डम के प्रोफेसर डिक वेथक ने कहा कि चिंतित होना उचित है क्योंकि ये माइक्रोप्लास्टिक कण पूरे मानव शरीर में भी यात्रा कर सकते हैं। वे एक घातक बीमारी का कारण भी बन सकते हैं। इस विषय पर अभी और शोध की आवश्यकता है।