केंद्र सरकार इस साल मई की शुरुआत में जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का इनिशियल पब्लिक ऑफर (आईपीओ) ला सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (आरएचपी) पर बैंकरों और वित्तीय सलाहकारों के संपर्क में है। आरएचपी एक प्रस्ताव दस्तावेज है जो एक कंपनी आईपीओ लॉन्च करने से पहले भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) के साथ फाइल करती है। इसे ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) के बाद दाखिल किया जाता है।
RHP में प्राइस बैंड और शेयरों की संख्या के बारे में जानकारी होती है। सरकार की योजना मार्च 2022 तक आईपीओ लॉन्च करने की थी, लेकिन रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण बाजार की धारणा नकारात्मक हो गई और सरकार वेट एंड वॉच मोड में चली गई। अब जब बाजार में फिर से सुधार हुआ है और धारणा सकारात्मक है तो सरकार ने फिर से आईपीओ लाने की तैयारी शुरू कर दी है।
डीआरएचपी की मंजूरी से शेयर बिक्री का रास्ता साफ
एलआईसी ने 13 फरवरी को आईपीओ के लिए पहला डीआरएचपी दाखिल किया था। सेबी ने शेयरों की बिक्री का मार्ग प्रशस्त करते हुए ड्राफ्ट पेपर्स को मंजूरी दे दी थी। लेकिन, आईपीओ लॉन्च में देरी के कारण मार्च में फिर से डीएचआरपी दाखिल करना पड़ा। पुराने डीआरएचपी को दी गई मंजूरी के मुताबिक सरकार 12 मई तक आईपीओ ला सकती है। लेकिन एलआईसी 12 मई के बाद भी आईपीओ ला सकती है, अगर नई डीआरएचपी फाइल की जाती है।
एलआईसी होगा भारतीय इतिहास का सबसे बड़ा आईपीओ
सरकार एलआईसी में करीब 31.6 करोड़ या 5 फीसदी शेयर बेचकर 60,000 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है। 5 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के बाद यह आईपीओ भारतीय शेयर बाजार के इतिहास का सबसे बड़ा आईपीओ होगा। लिस्टिंग के बाद कंपनी का मार्केट वैल्यूएशन RIL और TCS जैसी टॉप कंपनियों के बराबर हो जाएगा। वर्तमान में, पेटीएम के पास भारत में सबसे बड़े आईपीओ का रिकॉर्ड है। पेटीएम ने 2021 में 18,300 करोड़ रुपये जुटाए थे।
एलआईसी ने दिसंबर में कमाया 234.9 करोड़ का मुनाफा
दिसंबर तिमाही में एलआईसी का शुद्ध लाभ बढ़कर 234.9 करोड़ हो गया। दिसंबर 2020 में कंपनी का शुद्ध लाभ केवल 90 लाख था। दिसंबर 2020 तिमाही में पहले साल का प्रीमियम 7957.37 करोड़ रुपये से बढ़कर 8748.55 करोड़ रुपये हो गया। नवीनीकरण प्रीमियम बढ़कर 56822 करोड़ रुपये हो गया। दिसंबर तिमाही में कुल प्रीमियम 97761 करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले 97008 करोड़ रुपये था।