गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका को भारत लगातार मदद मुहैया करा रहा है. भारत ने ईंधन संकट से निपटने के लिए लाइन ऑफ क्रेडिट के तहत दूसरी बार श्रीलंका को डीजल और पेट्रोल की आपूर्ति की है। मंगलवार और बुधवार को 36 हजार मीट्रिक टन पेट्रोल और 40 हजार मीट्रिक टन डीजल भारत से श्रीलंका पहुंचा। भारत अब तक श्रीलंका को 2.70 लाख मीट्रिक टन से अधिक ईंधन भेज चुका है।
भारत ने श्रीलंका की डूबती अर्थव्यवस्था से निपटने के लिए 1 अरब डॉलर के कर्ज की भी घोषणा की है। इस बीच गोटाबाया सरकार को लगातार जनता के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। श्रीलंका में बुधवार को यूनिवर्सिटी के प्रोफेसरों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया.
राजपक्षे सरकार से नाराज लोग सड़कों पर उतरे
गहराते आर्थिक संकट के बीच राजपक्षे सरकार के खिलाफ लोगों का गुस्सा भी बढ़ता जा रहा है. हजारों लोग सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार के पास पैसा नहीं है क्योंकि उसने चीन को सब कुछ बेच दिया है। बुधवार को लोगों ने कहा कि राजपक्षे परिवार को देश को बर्बाद करना बंद करना चाहिए. विपक्षी दल भी सरकार के खिलाफ उतर आए हैं।
इधर श्रीलंका में भी जरूरी दवाओं की किल्लत हो गई है। इसे देखते हुए भारत ने पड़ोसी देश में जरूरी दवाएं भेजी हैं। दम्मिका, निदेशक, नेशनल आई हॉस्पिटल कोलंबो ने कहा कि, हमारी अधिकांश दवाएं एलओसी (लाइन ऑफ क्रेडिट) के तहत भारत से आ रही हैं, यह हमारे लिए एक बड़ी मदद है।
1948 के बाद सबसे बड़ा आर्थिक संकट
COVID महामारी की शुरुआत के बाद से श्रीलंका की अर्थव्यवस्था में लगातार गिरावट आ रही है। जिससे 2 करोड़ से ज्यादा लोग भोजन और दवाओं की कमी का सामना कर रहे हैं। यह 1948 के बाद से देश का सबसे बड़ा आर्थिक संकट है। बिगड़ती अर्थव्यवस्था के साथ, डॉलर के मुकाबले श्रीलंकाई रुपये के मूल्य में तेजी से गिरावट आई है और इस पर विदेशी कर्ज लगातार बढ़ रहा है।
श्रीलंका में आर्थिक संकट की समयरेखा
श्रीलंका में पिछले एक महीने से आर्थिक संकट है। दरअसल, चीन से नजदीकी और उससे मिले भारी कर्ज का असर देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ा। इन सबके चलते श्रीलंका 51 अरब डॉलर के कर्ज में डूब गया। आइए जानते हैं पिछले एक हफ्ते में श्रीलंका में क्या हुआ।
गोटाबाया सरकार ने 1 अप्रैल को देश में आपातकाल लगा दिया था। इसके बाद से इसका काफी विरोध हो रहा है।
आपातकाल के बीच रविवार रात राजपक्षे के पूरे मंत्रिमंडल ने इस्तीफा दे दिया।
श्रीलंका ने नॉर्वे, इराक और ऑस्ट्रेलिया में अपने दूतावास अस्थायी रूप से बंद कर दिए हैं।
राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने 5 अप्रैल की आधी रात को आपातकाल समाप्त कर दिया।
गुस्साए लोगों ने पूरे देश में चीन के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया, जो जारी है।