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मैक्रों फिर बने फ्रांस के राष्ट्रपति: दक्षिणपंथी नेता मरीन ले पेन को हराया, 2002 के बाद लगातार दूसरी बार राष्ट्रपति बनने वाले पहले नेता

 

इमैनुएल मैक्रों दूसरी बार फ्रांस के राष्ट्रपति चुने गए हैं। उन्होंने नेशनल रैली पार्टी के दक्षिणपंथी उम्मीदवार मारिन ले पेन को हराया। आखिरी दौर के मतदान में मैक्रों को 58.2% और ले पेन को 41.8% वोट मिले थे। उनके कोरोना से बेहतर तरीके से निपटने की वजह से लोग उन्हें पसंद कर रहे थे.

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2002 के बाद से फ्रांस में किसी भी नेता को फिर से राष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित नहीं किया गया है, लेकिन मैक्रों ने लाइन तोड़ दी। हालांकि इस बार की जीत में उनकी जीत का अंतर कम हुआ है। 2017 में मैक्रों को 66.1% वोट मिले थे, जबकि ले पेन को 33.9% वोट मिले थे.

दुनिया भर से बधाई आ रही है…
जीत के बाद मैक्रों को दुनियाभर से बधाई मिल रही है. ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने ट्वीट किया- फ्रांस के राष्ट्रपति के रूप में आपके फिर से चुने जाने पर बधाई। मैं उन मुद्दों पर एक साथ काम करना जारी रखने की आशा करता हूं जो हमारे देशों के साथ-साथ दुनिया के लिए सबसे ज्यादा मायने रखते हैं।

जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ ने मैक्रों के साथ एक तस्वीर साझा की और लिखा, “मुझे खुशी है कि हम एक दूसरे के साथ सहयोग करना जारी रखेंगे।” वहीं, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा- मैं कनाडा और फ्रांस के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों पर काम जारी रखने के लिए तत्पर हूं।

भारत के लिए इस चुनाव का अर्थ
भारत के फ्रांस के साथ बहुत अच्छे संबंध हैं। फ्रांस की कोई भी सरकार अब तक भारत विरोधी नहीं रही है। मैक्रों ने अपनी रैलियों में साफ कर दिया है कि उनके एजेंडे में भारत पहली प्राथमिकता है। फ्रांस ने हमेशा संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन किया है।

मरीन की हार से अमेरिका को राहत
न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, नाटो प्रतिद्वंद्वी मरीन ले पेन रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के हमदर्द हैं। ऐसे में जब यूक्रेन युद्ध के बीच मैक्रों की जीत से अमेरिका और उसके यूरोपीय सहयोगियों को बड़ी राहत मिली है. मैक्रों की जीत ने फ्रांस को ज़ेनोफोबिक राष्ट्रवाद से बचा लिया।

फ्रांस के चुनाव क्यों महत्वपूर्ण हैं?
670 मिलियन की आबादी वाला फ्रांस दुनिया की सातवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। पर्यटन और जीवन शैली के सामान के लिए विश्व प्रसिद्ध, फ्रांस तीसरी सबसे बड़ी परमाणु शक्ति भी है। यूरोपीय संघ (ईयू) के संस्थापक सदस्य होने के साथ-साथ वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के पांच स्थायी सदस्यों में से एक हैं।

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