वाराणसी में मौसम तेजी से करवट ले रहा है। यहां अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। दिन और रात दोनों समय तापमान सामान्य से 5 डिग्री अधिक रहता है। गर्मी ने पिछले 10 साल में तीसरी बार अप्रैल के महीने में रिकॉर्ड तोड़ दिया है। इससे पहले 2010 और 2019 में वाराणसी का तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था।
7 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही हवाएं
बीती रात इतनी गर्मी थी कि 1 मीटर दूर ठंडी हवा भी असर नहीं कर पाई। जिनके घर वातानुकूलित नहीं हैं, उनकी रात भी दिन की तरह जागकर बीत गई। गर्मी ने इतना दयनीय बना दिया है कि लोग न तो घर में रह पा रहे हैं और न ही शाम तक कहीं बाहर जा पा रहे हैं।
किसी ने कल्पना भी नहीं की थी कि इस बार अप्रैल में ही इतना तापमान गिर जाएगा। यह गर्मी अब इसलिए भी परेशान कर रही है क्योंकि दिन में हवा में नमी कम होने से लोग दोपहर तक झुलस रहे हैं, जबकि शाम के समय हवा में बढ़ी नमी पसीने और उमस से भर रही है.
इस समय हवा में नमी 71 फीसदी पहुंच गई है। वहीं सुबह 7 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल रही है. यह हवा पूर्व से आ रही है, जिसमें नमी भी है। इस लिहाज से वाराणसी में 4 मई से मौसम बदलने के संकेत हैं।
बारिश में तापमान 6 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है
मौसम विभाग ने अलर्ट जारी कर कहा है कि 4 मई के बाद वाराणसी में बारिश की संभावना है। गरज के साथ बारिश होगी, यानी गरज-चमक के साथ बारिश हो सकती है। बारिश के दिनों में दिन का तापमान 38 डिग्री सेल्सियस और रात में 22 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञानी प्रोफेसर मनोज कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि पूर्व से आ रही नमी बनारस में 2-3 बारिश कर सकती है। इससे चिलचिलाती धूप से थोड़ी राहत मिल सकती है।
वाराणसी में बढ़ता प्रदूषण
वाराणसी में इन दिनों प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ रहा है। शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) आज 141 अंक पर है। जबकि दो दिन पहले यह 100 अंक से भी कम था। वायुमण्डल की वायु मध्यम श्रेणी की है। वाराणसी में धूल के कणों (पीएम-10) और धुएं (पीएम2.5) की मात्रा तेजी से बढ़ रही है।
इससे पूरा शहर परेशान है। आज वाराणसी के सबसे प्रदूषित क्षेत्र भेलूपुर और मालदहिया थे। इन दोनों जगहों का एक्यूआई 149 दर्ज किया गया। इसके बाद अर्दली बाजार में 148 अंक और बीएचयू में 117 अंक दर्ज किए गए।
मई के बाद घटेगा गंगा का जलस्तर
आज गंगा का जलस्तर 59 मीटर पर बना हुआ है। मार्च में यह लगभग 65 मीटर था। अनुमान है कि मई के बाद गंगा के जल स्तर में उल्लेखनीय कमी दर्ज की जा सकती है।