भारत के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरीने कहा की फलों और सब्जियों के निर्यात को बढ़ावा देने की भारी संभावना है।
महाराष्ट्र के अमरावती में कृषि फसलों, फलों और सब्जियों के लिए निर्यात संभावना विषय पर आयोजित एक आउटरीच कार्यक्रम में नितिन गडकरीने कहा, ऊंचा निर्यात प्राप्त करने के लिए किसानों को कृषि में नवीनतम तकनीकों को अपनाना होगा और उन्हें नए शोध और नवीन कृषि पद्धतियों को अपनाने के लिए तैयार रहना होगा। यह कार्यक्रम खट्टे फलों और सब्जियों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण द्वारा एग्रोविजन के सहयोग से किया गया था।
गडकरी ने कहा कि नागपुर ऑरेंज एक जीआई उत्पाद है इसलिए इसे प्रीमियम पर भी बेचा जा सकता है। हालांकि उन्होंने वैज्ञानिकों से ये भी आग्रह किया कि उपज बढ़ाने, किस्मों में सुधार करने और मूल्यवर्धन हेतु इस क्षेत्र के लिए अनुसंधान एवं विकास किए जाने की ज़रूरत है।
गडकरी ने कहा कि निर्यात में कई गुना वृद्धि सिर्फ जरूरी अनुसंधान और विकास और मूल्यवर्धन के जरिए ही हासिल की जा सकती है। मंत्रीने हितधारकों के लिए ज्यादा क्षमता निर्माण करने, जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने, क्वालिटी अपग्रेड और विदेशों में प्रचार करने में एपीडा के प्रयासों की सराहना की। 2019-20 में भारत से खट्टे फलों का निर्यात 329.32 करोड़ रुपये रहा और 2020-21 में ये 590.4 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। उसके मुख्य बाजार बांग्लादेश, नेपाल, संयुक्त अरब अमीरात और भूटान थे।
नितिन गडकरीने आह्वान किया कि जैविक फसल उगाने के लिए खाद्य सुरक्षा पहलुओं में गुणवत्ता मानकों से समझौता किए बिना कृषि उत्पादकता को बढ़ाएं ताकि उनकी उपज की बेहतर प्राप्ति सुनिश्चित हो सके। कृषि रसायनों के छिड़काव के लिए ड्रोन तकनीक के उपयोग से कृषि नुकसान को 70% तक कम किया जा सकता है। एपीडा ने एग्रोविजन के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया जो उद्यमियों, एफपीसी, एफपीओ और अन्य हितधारकों के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित करने में एपीडा की एक विस्तारित शाखा बन जाएगा।
इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में एफपीओ, एफपीसी, उद्यमी, स्टार्टअप, युवा उभरते उद्यमी, राज्य सरकार के अधिकारी, गैर सरकारी संगठन, सहकारिता और तकनीकी वैज्ञानिक शामिल हुए और नए तकनीकी विकास आदि के बारे में जानकारी साझा की गई।