झारखंड के मुख्यमंत्री और बरहेट के विधायक हेमंत सोरेन (Hemant
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राज्यपाल ने अभी तक सीएमओ को नहीं दी जानकारी
सूत्रों ने बताया है कि आयोग ने सीएम की विधायिकी को रद्द करने का फैसला दिया है. जिसकी जानकारी राज्यपाल को दे दी गई है. समाचार लिखे जाने तक राज्यपाल की तरफ से सीएमओ को इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है. लेकिन माना जा रहा है कि शाम तक राजभवन इस बारे में कोई ना कोई कदम जरुर उठायेगा
झारखंड में राजनीतिक संकट खड़ा हो गया
चुनाव आयोग के फैसले के बाद झारखंड में राजनीतिक संकट खड़ा हो गया है. बहुमत यूपीए के पास है और उसके नेता ही विधायक नहीं रह गये, तो ऐसे में सरकार के पास सीमित विकल्प ही बचते हैं. अगर राजभवन ने इस्तीफे के लिये ज्यादा वक्त नहीं दिया तो यूपीए को अपना दूसरा नेता चुनना होगा. दूसरी तरफ अगर राजभवन से एक-दो दिन का वक्त मिलता है, तब आयोग के फैसले के खिलाफ हेमंत सोरेन सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं.
बीजेपी नेताओं ने राज्यपाल को सौंपा था ज्ञापन
उल्लेखनीय है कि भाजपा के नेताओं ने सीएम हेमंत सोरेन के खिलाफ राज्यपाल को ज्ञापन दिया था. जिसमें आरोप लगाया गया था कि संवैधानिक पद पर रहते हुए हेमंत सोरेन ने अपने नाम खनन लीज पट्टा लिया. राज्यपाल ने इस शिकायत को चुनाव आयोग में भेज दिया था. आयोग ने मामले में सुनवाई की. 18 अगस्त को आयोग ने सुनवाई पूरी की. जिसके बाद से हर दिन यह कयास लगाये जा रहे थे कि आयोग का फैसला राजभवन आ गया है.