पुस्तक – इजाज़त हो तो
लेखक – रोशन झा (Roshan Jha)
प्रकाशन – संजना बुक्स
खरीद लिंक – https://amzn.eu/d/9bE6zHN
इस पुस्तक को पढ़ते वक्त आपके पास विकल्प होगा ,, आप चाहें तो इसे दस पंद्रह बीस मिनट में पढ़ कर एक नया कीर्तिमान ( सबसे तेज़ किसी पुस्तक को समाप्त करने का ) स्थापित कर सकते हैं और इस पुस्तक को दराज़ में बंद करके रख सकते हैं । या दूसरा विकल्प ये होगा एक एक हर्फ़ के एहसास को किसी चाशनी की तरह अपने ज़ेहन में घोल लेने का … वक़्त देकर … आराम से ….. । जब भी अक्सर हम हड़बड़ी या जल्दबाज़ी में होते हैं तब हमें कभी भी आद्यात्मिक अनुभव नहीं हो सकता ।
आपको इस पुस्तक को पढ़ने के लिए अपने जीवन के रेलम पेल का पॉज बटन दबाना पड़ेगा … और अगर आप सफल हो गए … तो देखना … चमत्कार होगा … ।
इजाज़त हो तो किताब है उस कोमलतम , नाज़ुक और पवित्र एहसास के बारे में … जिसे हम अक्सर अनदेखा कर देते हैं .. इस ग़लतफ़हमी में कि कही ये कोमलतम मुझे कमज़ोर ना बना दे ?? पर असल बात तो ये है कि ये एहसास ऐसे है जो बिना किसी विरोध के अपने आपको तुम्हे पूरा समर्पित कर देते हैं … तुममे फ़ना हो जाना चाहते हैं ….. और सही मायने में हमें इन्हें इजाज़त देनी चाहिए … की तुम आओ मैं तुम्हारा स्वागत गले लगा कर करूँगा । इन प्यारी कविताओं का रसपान जब आप कर रहे होंगे … तो आपको शर्तिया nostalgia की लहर ज़रूर छू के जाने वाली है । आप जब इस पुस्तक को पढेंगे आपको मज़ा आने वाला है … कहने को बहुत कुछ है पर मैं इस सब कह दूँगा तो आप अपना एहसास कैसे समेटेंगे ?? 😊😊
बाकि आपको ये पुस्तक मंडी हाउस में स्थित संजना बुक्स] से ये पुस्तक मिल जाएगी और मिल जाएगा इसको लिखने वाला भी रोशन झा (Roshan Jha)]
इस किताब की तरह ही खूबसूरत है वो आदमी … बहुत मज़ा आएगा आपको उससे बात करके । आप सभी इस पुस्तक को खरीदें और पढ़ें और अपने विचार साझा करना ना भूले