तनाव हमारी ज़िन्दगी का अभिन्न अंग बन गया हे। किसी ली लाइफ में ख़ुशी हो न हो लेकिन तनाव होगा ही। हम इतने परेशान हो जाते हे की सब पे से मन ही उठ जाता हे। ऐसे में हमें आगे बढ़ने के बारे में सोचने के लिए तनाव मे से निकलना होगा। छोटा हो या बड़ा तनाव हमारे दिमाग को काम करने नहीं देता। संकुचित रखता हे। हमारे पूर्वज कह गए हे की चिंता चिता समान होती हे। इसीलिए अपने आपको मुक्त रखे और हम आपको कुछ टिप्स देंगे जिन्हे फॉलो करने से भी राहत मिलेगी।
तनाव को कभी भी खुद पे हावी न होने दे। पावर आपके पास हो न की दुसरो के पास। क्युकी लोग इसका गलत फायदा उठा सकते हे।
अपने मन की सुने जब भी ज्यादा तनाव लगे। क्युकी मन से सही चीज़ ही निकलेगी।
अगर कोई गलती हुई भी हो तो अपने दिमाग को कण्ट्रोल करें और लॉजिकली समजाये खुद को।
बहार जाये सिर्फ खुद के साथ। इससे आप खुद को अच्छे से समझेंगे।
अपनी गलतिया को माने और आगे बढे।