सीबीआई ने अगस्त 2014 में लखीसराय जिले में एक शैक्षिक संस्थान बालिका विद्यापीठ के पूर्व सचिव की कथित हत्या के मामले में बुधवार को आम्रपाली समूह के प्रबंध निदेशक अनिल शर्मा और आठ अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया।
उन पर आईपीसी की धारा 34 (सामान्य इरादे को आगे बढ़ाने में कई व्यक्तियों द्वारा किए गए कार्य), 120 बी (मौत की सजा देने वाले अपराध को अंजाम देने की आपराधिक साजिश) और 302 (हत्या) और आर्म्स एक्ट की धारा 27 के तहत मामला दर्ज किया गया है। इंस्पेक्टर गौतम कुमार अंशु, सीबीआई, एससीबी-पटना को मामले के जांच अधिकारी के रूप में सौंपा गया है।
सीबीआई ने पिछले साल 12 दिसंबर को पटना उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में मामले को संभाला था। मामले की शुरुआत में लखीसराय पुलिस द्वारा जांच की गई थी, जहां मामला 2014 में दर्ज किया गया था, लेकिन बाद में उस वर्ष अक्टूबर में अपराध जांच विभाग (सीआईडी), बिहार को सौंप दिया गया था।
2 अगस्त 2014 को, बालिका विद्यापीठ के सचिव शरद चंद की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जब वे संस्थान के परिसर के अंदर अपने आवास के बरामदे में अखबार पढ़ रहे थे। घटना के बाद मृतक के परिजनों के बयान पर लखीसराय थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी और आरोप लगाया गया कि आरोपियों ने बालिका विद्यापीठ की जमीन और संपत्ति हड़पने की साजिश रची।
रिपोर्ट के मुताबिक सीबीआई एफआईआर में कहा है कि बालिका विज्ञापीठ के ट्रस्ट को आम्रपाली ग्रुप के एमडी अनिल शर्मा ने राजेंद्र प्रसाद सिंघानिया, डॉ. प्रवीण कुमार सिन्हा, श्याम सुंदर प्रसाद और शंभु शरण सिंह के साथ मिलकर हड़प लिया। बाद में शरद चंद्र को हटा दिया। दोनों पक्षों में इस के बाद से ही विवाद शुरू हो गया था। इसके बाद मृतक शरद चंद्र लगातार बालिका विज्ञापीठ की आय पर भी एक पर्सनल अकाउंट खोलकर कब्जा करने को लेकर आरोप लगाते रहे। बाद में शरद के घर पर हमला किया गया और उन्हें लगातार धमकी भी दी गई थी। जिसके बाद 2014 में उन्हें गोली मार दी गई।