आम आदमी पार्टी को 164 करोड़ की वसूली की नोटिस पर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। आप को राजनीतिक विज्ञापन पर डीआईपी का नोटिस आया है, इसको लेकर आप और बीजेपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एक-दूसरे को घेरा है। मामला ऐसा है कि दिल्ली एलजी के आदेश पर आम आदमी पार्टी को 164 करोड़ की वसूली का नोटिस भेजा गया है। आम आदमी पार्टी पर आरोप है कि उसने सरकारी विज्ञापनों की आड़ में राजनीतिक प्रचार किया है। आम आदमी पार्टी को पैसा जमा करने के लिए नोटिस जारी होने से लेकर दस दिन का समय दिया गया है। नोटिस में कहा गया है कि पैसा जमा नहीं करने पर आम आदमी पार्टी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। अगर आप पैसा नहीं देती है तो पार्टी की संपत्ति कुर्क की जा सकती है।
अब इस पर बीजेपी ने भी पलटवार किया है। बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि कभी दिल्ली को नादिर शाह ने लूटा था। अब दिल्ली को आम आदमी पार्टी लूट रही है। आज जब 163 करोड़ लौटाने की बारी आई तो ये लोग बोखला गए। मनीष सिसोदिया ने कहा, अधिकारियों पर दबाव बनाकर यह नोटिस भेजा गया है। यह अराजकता का परिचय है। मनोज तिवारी ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने अपना चेहरा चमकाया है, इसका सरकार या सरकारी योजनाओं से कोई लेना-देना नहीं है। केजरीवाल और सिसोदिया की छटपटाहट से यह माफ नहीं होगा।
मनोज तिवारी ने आगे कहा कि जब जनता को इस वसूली के बारे में पता चलेगा तो वह कहेगी कि यह कोर्ट से आदेश आया है। इसे रोकने के लिए केजरीवाल सरकार दो बार कोर्ट जा चुकी है। जहां से उन्हें निराशा हाथ लगी। मनोज तिवारी ने कहा कि वसूली के लिए आप के खाते सील किए जाएं और विज्ञापन में जिन आप विधायकों के चेहरे चमकाए गए उनके खाते सील किए जाएं। आपके विधायकों की संपत्ति सील होनी चाहिए। मनोज तिवारी ने कहा कि दिल्ली की जनता चाहती है कि केजरीवाल स्थिति स्पष्ट करें।
आम आदमी पार्टी 163 करोड़ रुपए की वसूली नोटिस पर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि भाजपा दिल्ली सरकार और उसके मंत्रियों को निशाना बनाने के लिए अधिकारियों का दुरुपयोग कर रही है। मनीष सिसोदिया ने पूछा कि क्या भाजपा उन मुख्यमंत्रियों से भी पैसा वसूल करेगी जिनके विज्ञापन दिल्ली में प्रकाशित हुए थे। उन्होंने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री को निशाना बनाने के लिए अधिकारियों को दुरुपयोग करना बंद करें और हमें काम करने दें। सिसोदिया ने कहा कि हमने पार्टी सचिव से विज्ञापन का विवरण मांगा है कि इसमें क्या अवैध है।
आप ने डीआईपी सचिव के नोटिस के जवाब में एक पत्र में लिखा, “शुरुआत में, यह प्रस्तुत किया गया है कि लगभग 164 करोड़ रुपये की मांग मनमाना, विकृत और कानून के तथ्यों और प्रावधानों और मौजूदा नीतियों और नीतियों के विपरीत है।” पत्र में कहा गया है, “आम आदमी पार्टी इसे स्वीकार नहीं करती है। कृपया हमें उन विज्ञापनों की एक कॉपी प्रदान करें जिसके लिए आप हमसे वसूली करना चाहते हैं।”