अधिकारियों ने रविवार (7 मई) को कहा कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पिछले एक महीने में गैंगस्टर दीपक “बॉक्सर” के 15 सहयोगियों को गिरफ्तार किया है। “बॉक्सर” को मेक्सिको में पकड़ा गया और 5 अप्रैल को दिल्ली लाया गया। मेक्सिको से निर्वासन के बाद उसे दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
बॉक्सर से स्पेशल सेल ने पूछताछ की है। उन्हें मकोका मामले में गिरफ्तार किया गया है और एनडीआर स्पेशल सेल द्वारा 14 दिन की पुलिस हिरासत में लाया गया है। लंबी पूछताछ के दौरान गैंगस्टर ने हत्या, हत्या के प्रयास और रंगदारी के दो दर्जन से अधिक मामलों में अपनी संलिप्तता का खुलासा किया है।
15 सहयोगी गिरफ्तार
आरोपी दीपक बॉक्सर से लंबी पूछताछ की गई है और उसने हत्या, हत्या के प्रयास और जबरन वसूली के दो दर्जन से अधिक मामलों में अपनी संलिप्तता का खुलासा किया है। मामले की जांच के दौरान उसके 15 साथियों को गिरफ्तार किया गया है।
गिरफ्तार किए गए साथियों में दीपक पहल (26), रविंदर पहल (21), विक्रम दहिया (27), सचिन मान (30), संदीप नरवाल (32), गेविन ग्रांग (30), अमित गुलाटी (31), दिनेश माथुर उर्फ कराला (35), कपिल उर्फ गौरव (32), रोहित उर्फ मोई (28), विजय मान उर्फ कपिल (26), योगेश उर्फ टुंडा (30), अंकेश लकड़ा (35), महफूज खान उर्फ भूरा (47) और मो. जुनैद (25) शामिल है।
पुलिस ने कहा कि जांच के दौरान खुलासा हुआ कि उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के रहने वाले महफूज खान उर्फ भूरा दलाल (47) और उसके सहयोगी मो. जुनैद (25) ने गैंगस्टर दीपक को फर्जी पासपोर्ट और अन्य जाली दस्तावेज बनवाने में मदद की थी।
पुलिस के मुताबिक, इन दोनों ने दीपक को मुरादाबाद निवासी रवि अंतिल के नाम से फर्जी पासपोर्ट और अन्य दस्तावेज बनवाने में मदद की। उनकी निशानदेही पर 15 पासपोर्ट, सात आधार कार्ड, सात पैन कार्ड और छह वोटर कार्ड बरामद किए गए हैं।
पुलिस के मुताबिक, पूछताछ के दौरान दीपक ने खुलासा किया कि 2015 में दीपक बजाना ने उसे गैंगस्टर जितेंद्र मान उर्फ गोगी से मिलवाया था, जो उस समय गिरफ्तारी से बच रहा था। दीपक बॉक्सर बड़ा नाम बनाना चाहता था और गोगी गिरोह में शामिल हो गया। अधिकारी ने कहा कि 2016 में गोगी को गिरफ्तार किए जाने के बाद, उसके सहयोगियों ने उसे पुलिस हिरासत से भगाने की योजना बनाई।
गैंगस्टर दीपक, गोगी के कुछ सहयोगियों के साथ, उस बस में सवार हो गया था जिसमें गोगी पुलिस हिरासत में था, जबकि गिरोह के अन्य सदस्यों को ले जा रही दो कारों ने हरियाणा रोडवेज की बस का पीछा किया। जब बस सकोल, बहादुरगढ़ पहुंची, तो दोनों कारें गिरोह के एक सदस्य ने पुलिसकर्मियों की आंखों में लाल मिर्च पाउडर फेंका, दीपक ने अन्य लोगों के साथ मिलकर उनसे हथियार और गोला-बारूद छीन लिया और गोगी को मुक्त कर दिया।
अधिकारियों के अनुसार, गैंगस्टर दीपक ने यह भी खुलासा किया कि मार्च 2021 में, गोगी के निर्देश पर, उसके सहित गिरोह के सदस्यों ने कुलदीप फज्जा को मेडिकल जांच के लिए जीटीबी अस्पताल आने पर पुलिस हिरासत से भगाने की योजना बनाई थी।
दीपक बॉक्सर ने जीटीबी अस्पताल का मुआयना किया और रसद की व्यवस्था की गई। जब कुलदीप फज्जा को मेडिकल चेकअप के लिए लाया गया तो उन सभी ने पुलिस कर्मियों पर हमला कर दिया और कुलदीप फज्जा को हिरासत से छुड़ा लिया। पुलिस ने जवाबी फायरिंग की जिसमें उसका साथी रवि मारा गया और अंकेश लकड़ा घायल हो गया। दीपक मुक्केबाज व फज्जा एक बाइक लूट कर फरार हो गए। बाद में एनडीआर, स्पेशल सेल की टीम ने मुठभेड़ में कुलदीप फज्जा को मार गिराया।
गौरतलब है कि आरोपी जितेंद्र गोगी (अब मृत) और उसके सहयोगियों के नेतृत्व वाले ‘संगठित अपराध सिंडिकेट’ के खिलाफ थाने अलीपुर दिल्ली में धारा 3/4 एमसीओसी अधिनियम के तहत भी मामला दर्ज किया गया है।
इस संगठित अपराध सिंडिकेट के सदस्य हत्या, हत्या के प्रयास, डकैती, जबरन वसूली और अन्य जघन्य अपराधों में शामिल हैं। इस संगठित अपराध सिंडिकेट के सदस्यों के खिलाफ 60/70 से अधिक मामले दर्ज हैं। जांच के दौरान इस मामले में स्पेशल सेल ने इस संगठित अपराध सिंडिकेट के 16 सदस्यों को गिरफ्तार किया है।
अदालत के समक्ष छह आरोप पत्र पहले ही दायर किए जा चुके हैं और मामला विचाराधीन है। 15 आरोपियों के खिलाफ पहले ही आरोप तय हो चुके हैं। इस मकोका मामले में आरोपी दीपक पहल उर्फ बॉक्सर (26) को भगोड़ा अपराधी घोषित किया गया था।
दीपक बॉक्सर को मकोका मामले में गिरफ्तार कर एनडीआर स्पेशल सेल ने 14 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। उससे लंबी पूछताछ की गई और उसने कई हत्याओं, हत्या के प्रयासों और जबरन वसूली में अपनी संलिप्तता का खुलासा किया है। मामले की आगे की जांच की जा रही है।