एक दुखद घटना में, पूर्व कैबिनेट मंत्री और उत्तर प्रदेश के दिग्गज राजनेता, हरि शंकर तिवारी का मंगलवार रात गोरखपुर स्थित उनके आवास पर निधन हो गया। वह नब्बे साल के थे।
जानकारी के मुताबिक, समाजवादी पार्टी (सपा) के कद्दावर नेता पिछले कई सालों से किडनी की गंभीर समस्या से जूझ रहे थे। तिवारी के निधन के बाद उनके बेटे विनय शंकर तिवारी ने कहा कि उनके पिता का अंतिम संस्कार बुधवार (17 मई) को गोरखपुर जिले के बरहलगंज कस्बे के मुक्ति पथ पर किया जाएगा।
अखिलेश यादव ने शोक व्यक्त किया
इस बीच समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने ट्वीट कर तिवारी के निधन पर दुख जताया है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “पूर्व मंत्री श्री हरिशंकर तिवारी का निधन, बहुत दुखद! ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति और शोक संतप्त परिवार को इस अपार दुख को सहने की शक्ति प्रदान करें। भावभीनी श्रद्धांजलि!”
कौन थे हरि शंकर तिवारी?
हरिशंकर तिवारी का जन्म बड़हलगंज शहर में हुआ था और उन्होंने 1985 से 2002 तक छह बार उत्तर प्रदेश विधानसभा में चिल्लूपार सीट का प्रतिनिधित्व किया। शिक्षा पूरी करने के बाद वे एक रेलवे ठेकेदार बने और बाद में पूर्वी उत्तर प्रदेश के एक मजबूत ब्राह्मण नेता के रूप में उभरे।
वह लोकतांत्रिक कांग्रेस पार्टी के संस्थापक सदस्य थे। वह 1997 से 2007 तक कल्याण सिंह, राम प्रकाश गुप्ता, राजनाथ सिंह, मायावती और मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व वाली सरकारों में कैबिनेट मंत्री रहे।
तिवारी को एक राजनीतिक दिग्गज माना जाता था और उन्होंने खुद को राज्य में ब्राह्मणों के नेता के रूप में स्थापित किया था। उनके बड़े बेटे भीष्म शंकर तिवारी संत कबीर नगर निर्वाचन क्षेत्र से सांसद रह चुके हैं, जबकि उनके छोटे बेटे विनय शंकर तिवारी ने बहुजन समाज पार्टी से पिछली यूपी विधानसभा (2017-2022) में पिता की पारंपरिक सीट चिल्लूपार का प्रतिनिधित्व किया था।
उल्लेखनीय है कि कभी पूर्वांचल की राजनीति में जबर्दस्त प्रभाव रखने वाले तिवारी के निधन पर जटाशंकर क्षेत्र के लोगों ने शोक जताया।