

राज्य में जारी सियासी उथलपुथल के बीच हेमंत सरकार आज एक दिन के लिए झारखंड विधानसभा का सत्र बुलाकर विश्वासमत हासिल किया. सदन में विश्वास मत के पक्ष में 48 मत पड़े. विपक्ष इस मौके पर नदारद रहे. इससे सदन के बाहर से ही विपक्षी भाजपा विधायकों ने आक्रामक रुक अपनाया. सदन के बाहर सख्त रुख दिखाने वाले भाजपा विधायकों ने सदन की कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा शुरू कर दिया. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जैसे ही विश्वास मत के प्रस्ताव पर बोलना शुरू किया तभी भाजपा विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया. हंगामे के बीच ही मुख्यमंत्री ने सदन मेंविश्वास प्रस्ताव रखा. इसके बाद भी सदन में हंगामे की स्थिति बनी रही. विपक्ष दुमका में लड़की जिंदा जलाने व दुष्कर्म की घटनाओं के माध्यम से सरकार को घेरा. हालांकि, सरकार की ओर से इसका जोरदार जवाब दिया गया. करीब ढाई घंटे चले सत्र में लगातार हंगामा होते रहा. इसके साथ ही विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई.
पता नहीं सदन की कार्यवाही के बाद कहां जाएंगे यूपीए विधायक: सरयू राय
सदन में सीएम को कोई भी प्रॉस्ताव लाने का अधिकार है. जब सरकार बनी थी तो मेरे अलावा कई लोगों ने सरकार में अपनी विश्वास जताया था. सदन में जितने भी प्रस्ताव मैंने लाए एक भी प्रस्ताव पर सरकार के अधिकारी ने कार्रवाई नहीं की. सदन में आखिर विश्वास प्रस्ताव क्यों रखा गया ये सवाल मेरे भी मन में है. कहा कि पता नहीं सदन की कार्यवाही के बाद यूपीए के विधायक कहां जाएंगे. इसपर मंत्री बन्ना गुप्ता ने नाराजगी जतायी तो सरयू राय ने साफ तौर से कहा कि आप चुप रहिए आप एक भ्रष्ट मंत्री हैं. कहा कि आप अपनी मर्जी से काम करते हैं और सरकार आप पर कोई कार्रवाई नहीं करती. सरयू ने कहा कि सरकार पास अपार बहुमत है गिरने का सवाल ही नहीं है. सरकार को भ्रष्ट लोगों पर कार्रवाई करनी चाहिए. यूपीए के तीन विधायक आज कोलकाता है. आज तीन हैं कल तेरह हो सकते हैं.
