

देश की आजादी को 75 वर्ष पूरे होने पर पीएम मोदी की ओर से दी गई यह सौगात इतिहास में स्वर्ण अक्षरों से लिखी जाएगी। क्योंकि एक दिन यही डीबीयू भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के सपने को साकार करेगी। इस डीबीयू के माध्यम से बैंकिंग सेवाएं अब ग्रामीण लोगों की दहलीज तक पहुंचेंगी। इसके लिए उन्हें भागदौड़ करने और कहीं जाकर अपना समय बर्बाद करने की जरूरत नहीं होगी।
पीएम मोदी ने वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र की श्रेणी में खड़ा करने का जो सपना देखा है, उसकी नींव स्वयं उन्होंने डीबीयू के माध्यम से रख दी है। डीबीयू के जरिये अब रुपये का प्रवाह ऊपर से नीचे तक होगा। यानि डिजिटल मनी होने से अब रुपया तेज गति से विकास के पथ पर दौड़ेगा। अब स्थिर रुपया विकास की गति में बाधक नहीं बनेगा, क्योंकि यह हमेशा चलायमान होगा, जिसका इस्तेमाल तमाम लोग कर सकेंगे। इससे देश में नई आर्थिक क्रांति आने की उम्मीद जताई जा रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा है कि ‘फिनटेक’ देश में वित्तीय समावेशन में आमूलचूल बदलाव लाएगा। वहीं इससे पहले यूपीआइ ने भारत के लिए नई संभावनाओं के नए दरवाजे खोले हैं। अब ‘वोकल फॉर लोकल’ से डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। मोदी ने कहा कि भारत ने ‘फोन बैंकिंग’ की जगह ‘डिजिटल बैंकिंग’ का उपयोग करते हुए सतत वृद्धि हासिल की है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में देशभर के 75 जिलों में डिजिटल बैंकिंग इकाइयां स्थापित करने की घोषणा की थी। अब इस आगाज में सार्वजनिक क्षेत्र के 11 और निजी क्षेत्र के 12 व एक लघु वित्त बैंक समेत कुल 24 बैंक जुड़ गए हैं
