

करणी सेना के संस्थापक लोकेंद्र सिंह कालवी का सोमवार रात जयपुर के SMS अस्पताल में निधन हो गया। बताया जा रहा है कि देर रात हार्ट अटैक आने से उनका निधन हुआ। डॉक्टरों ने दोपहर करीब दो बजे इसकी पुष्टि की। जयपुर के राजपूत सभा भवन में उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। उनका अंतिम संस्कार दोपहर करीब ढाई बजे उनके नागौर के पैतृक गांव कलवी में किया जाएगा। 80 वर्षीय लोकेंद्र कालवी के निधन से राजपूत समाज में शोक की लहर दौड़ गई है।
बतां दे कि पिछले साल जून में लोकेंद्र सिंह कालवी की तबीयत बिगड़ी थी। ब्रेन स्ट्रोक आने के बाद से लम्बे समय से अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। अब उनके निधन की खबर फैलते ही लोगों में मातम पसर गया है। राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पुनिया, विधानसभा में विपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ सहित कई अन्य नेताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।
किसान नेताओं को खुद पर विश्वास था
मध्य राजस्थान में नागौर जिले के कालवी गांव में लोकेंद्र सिंह कालवी का जन्म हुआ था। उन्हें हिंदी और अंग्रेजी भाषा का अच्छा ज्ञान था। उनके पिता कल्याण सिंह कालवी केंद्र की चंद्रशेखर सरकार में मंत्री थे। वह कुछ समय के लिए राज्य और केंद्र में मंत्री रहे। उनके असामयिक निधन के बाद लोकेंद्र सिंह ने राजनीति में प्रवेश किया था। उन्होंने खुद को किसान नेता बताया। दूसरी ओर, लोकेंद्र सिंह कालवी ने साल 2003 के विधानसभा चुनाव में सामाजिक न्याय मंच का गठन किया और राज्य की कई सीटों पर अपनी पार्टी के बैनर तले विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन विधानसभा चुनाव नहीं जीत सके।
करणी सेना की स्थापना
कालवी हमेशा प्रदेश में राजपूत समुदाय के लिए एक मुखर नेता थे। लोकेंद्र सिंह कालवी ने साल 2006 में करणी सेना की स्थापना की और राजपूत समुदाय को एकजुट करने का काम किया। साल 2008 में फिल्म जोधा अकबर की रिलीज को लेकर करणी सेना के विरोध के चलते विवाद हुआ था। संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत को लेकर भी काफी विवाद हुआ था। उन्होंने फिल्म के डायरेक्टर संजय लीला भंसाली और एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण को धमकी दी थी। इस फिल्म का करणी सेना ने पुरजोर विरोध किया था और यह मुद्दा पूरे देश में सुर्खियां बटोर चुका था।
