
- रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अमेरिकी और नाटो देशों की आपत्तियों के बावजूद भारत दौरे पर आ रहे हैं।
- यह दौरा भारत की स्वतंत्र विदेश नीति और रणनीतिक स्वायत्तता का स्पष्ट प्रदर्शन है।
- शिखर सम्मेलन में रक्षा, ऊर्जा और व्यापार सहित कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में समझौतों की उम्मीद है, जिसका वैश्विक भू-राजनीति पर असर दिखेगा।
नई दिल्ली, 21 जुलाई 2025: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जल्द ही दिल्ली का दौरा करने वाले हैं, और यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब पश्चिमी देश, खासकर अमेरिका और नाटो (NATO), रूस के साथ भारत के बढ़ते संबंधों पर आपत्ति जता रहे हैं। तमाम अंतरराष्ट्रीय दबावों के बावजूद पुतिन का भारत आना भारत की स्वतंत्र विदेश नीति का एक मजबूत संकेत है। यह न केवल दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक मित्रता को मजबूत करेगा, बल्कि वैश्विक मंच पर भारत की रणनीतिक स्वायत्तता को भी रेखांकित करेगा। इस शिखर सम्मेलन पर पूरी दुनिया की नज़रें टिकी हैं, क्योंकि इसके नतीजे वैश्विक भू-राजनीतिक समीकरणों पर गहरा असर डाल सकते हैं।
पश्चिम की आपत्तियां और भारत का दृढ़ रुख
रूस-यूक्रेन संघर्ष के बाद से अमेरिका और उसके सहयोगी देशों ने रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं। इन प्रतिबंधों के बीच भी भारत ने रूस के साथ अपने संबंधों को बनाए रखा है, खासकर रक्षा और ऊर्जा क्षेत्रों में। भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर हमेशा एक तटस्थ रुख अपनाया है और संवाद व कूटनीति के माध्यम से संघर्ष के समाधान की वकालत की है।
व्लादिमीर पुतिन का यह दौरा पश्चिमी देशों की आपत्तियों के बावजूद हो रहा है, जो भारत की “पहले भारत” (India First) की नीति का प्रमाण है। भारत लगातार स्पष्ट करता रहा है कि उसके राष्ट्रीय हित उसके विदेश नीति के निर्णयों में सर्वोपरि हैं। भारत किसी भी बाहरी दबाव में आकर अपने रणनीतिक साझेदारों का चयन नहीं करेगा। पुतिन का दिल्ली आना इसी संदेश को और पुख्ता करता है।
शिखर सम्मेलन का एजेंडा: रक्षा से ऊर्जा तक
माना जा रहा है कि भारत और रूस के बीच होने वाले इस शिखर सम्मेलन में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी और कई नए समझौते किए जा सकते हैं।
रक्षा सहयोग: भारत और रूस दशकों से रक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण साझेदार रहे हैं। इस दौरे में रक्षा सौदों को अंतिम रूप दिया जा सकता है, जिसमें अत्याधुनिक सैन्य उपकरणों की आपूर्ति और संयुक्त उत्पादन शामिल हो सकते हैं।
ऊर्जा सुरक्षा: यूक्रेन संघर्ष के बाद, भारत रूस से रियायती दरों पर तेल खरीद रहा है, जिससे भारत की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित हुई है। इस दौरे में ऊर्जा आपूर्ति को और मजबूत करने के लिए नए समझौतों पर हस्ताक्षर किए जा सकते हैं।
व्यापार और निवेश: दोनों देश अपने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने और विभिन्न क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करेंगे। भारत और रूस के बीच व्यापार को रुपये-रूबल तंत्र के माध्यम से बढ़ावा देने पर भी चर्चा हो सकती है, ताकि पश्चिमी प्रतिबंधों का असर कम हो।
अंतर्राष्ट्रीय मुद्दे: दोनों नेता यूक्रेन संघर्ष, अफगानिस्तान की स्थिति, मध्य पूर्व और बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था को बढ़ावा देने जैसे महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान करेंगे। ब्रिक्स (BRICS) और शंघाई सहयोग संगठन (SCO) जैसे बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग को भी मजबूत करने पर जोर दिया जाएगा।
वैश्विक भू-राजनीति पर प्रभाव
पुतिन का यह भारत दौरा वैश्विक भू-राजनीति के लिए कई मायने रखता है। यह दिखाता है कि भारत अपनी रणनीतिक स्वायत्तता बनाए रखने में सक्षम है और वह किसी भी देश के साथ अपने संबंधों को तीसरे पक्ष के दबाव में नहीं बदलता। यह दौरा रूस के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उसे वैश्विक मंच पर अपने महत्वपूर्ण साझेदारों के साथ संबंध बनाए रखने का अवसर देता है, खासकर ऐसे समय में जब पश्चिमी देश उसे अलग-थलग करने की कोशिश कर रहे हैं।
यह दौरा संभवतः पश्चिमी देशों की प्रतिक्रिया को भड़का सकता है, लेकिन भारत पहले भी ऐसे दबावों का सफलतापूर्वक सामना कर चुका है। भारत का लक्ष्य अपने राष्ट्रीय हितों को सर्वोपरि रखते हुए एक संतुलित विदेश नीति अपनाना है, जिसमें वह विभिन्न देशों के साथ अलग-अलग मुद्दों पर सहयोग करता है।
ऐतिहासिक संबंधों की निरंतरता
भारत और रूस के संबंध ऐतिहासिक रूप से मजबूत और विश्वसनीय रहे हैं। शीत युद्ध के दौर से लेकर आज तक, दोनों देशों ने मुश्किल समय में एक-दूसरे का साथ दिया है। रूस भारत का सबसे बड़ा रक्षा आपूर्तिकर्ता रहा है, और दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक, वैज्ञानिक और तकनीकी सहयोग भी प्रगाढ़ रहा है। पुतिन का यह दौरा इसी मजबूत नींव पर आधारित है और भविष्य में इन संबंधों को और ऊंचाइयों पर ले जाने का लक्ष्य रखता है। यह न केवल दोनों देशों के लिए, बल्कि एक अधिक बहुध्रुवीय और संतुलित विश्व व्यवस्था के लिए भी महत्वपूर्ण है।
