
- सरकारी हस्तक्षेप: इंडिगो की हजारों उड़ानें रद्द होने से उत्पन्न हुए संकट और मनमानी कीमत वसूली पर रोक लगाने के लिए सरकार ने अपनी नियामक शक्तियों का उपयोग किया है।
- नई दरें: घरेलू हवाई किराया सीमा के तहत, दूरी के हिसाब से अधिकतम ₹7,500 से लेकर ₹18,000 तक का किराया निर्धारित किया गया है, जो तत्काल प्रभाव से लागू है।
- जनहित में फैसला: सरकार का यह कदम यात्रियों, खासकर बुजुर्गों, छात्रों और आपातकालीन यात्रा करने वालों के वित्तीय शोषण को रोकने और संकट के समय बाजार में अनुशासन बनाए रखने के लिए उठाया गया है।
नई दिल्ली, 7 दिसंबर: इंडिगो एयरलाइन में बड़े पैमाने पर परिचालन संकट और इसके परिणामस्वरूप हवाई किराए में हुई बेतहाशा वृद्धि पर लगाम लगाते हुए, केंद्र सरकार ने यात्रियों को बड़ी राहत दी है। नागर विमानन मंत्रालय (MoCA) ने शनिवार, 6 दिसंबर, 2025 को तत्काल प्रभाव से घरेलू उड़ानों के इकोनॉमी क्लास टिकटों के लिए अधिकतम किराया सीमा (Fare Cap) लागू कर दी है।
इस फैसले के तहत, अब कोई भी एयरलाइन दूरी के आधार पर तय की गई सीमा से अधिक किराया नहीं वसूल पाएगी। यह नियम उन लाखों यात्रियों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है जो इंडिगो की उड़ानें रद्द होने के बाद अन्य एयरलाइनों द्वारा वसूले जा रहे मनमाने और अत्यधिक किराए से परेशान थे।
संकट जिसने कीमतों को आसमान तक पहुंचाया
पिछले कुछ दिनों से, भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो को पायलटों की ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों के कारण उत्पन्न हुई रोस्टरिंग समस्या के चलते 2,000 से अधिक उड़ानें रद्द करनी पड़ी थीं। इस अचानक क्षमता में आई कमी का फायदा अन्य एयरलाइनों ने उठाया, जिससे प्रमुख मार्गों, जैसे दिल्ली से मुंबई, पर टिकटों की कीमत ₹45,000 से ₹90,000 तक पहुंच गई थी, जो सामान्य दर से कई गुना अधिक थी।
नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने स्थिति को गंभीरता से लेते हुए इसे ‘अवसरवादी मूल्य निर्धारण’ (Opportunistic Pricing) करार दिया और यात्रियों के हितों की रक्षा के लिए अधिकतम किराया सीमा लागू करने का आदेश दिया।
दूरी के आधार पर तय नई किराया सीमा
मंत्रालय द्वारा जारी आदेश में इकोनॉमी क्लास के लिए दूरी (Stage Length) के आधार पर अधिकतम किराए की सीमा (बेस फेयर) तय की गई है। यह सीमा एयरपोर्ट शुल्क (UDF/PSF) और टैक्स को छोड़कर लागू होगी।
दूरी (किलोमीटर में) अधिकतम किराया सीमा (₹)
0 से 500 KM तक ₹7,500
500 से 1,000 KM तक ₹12,000
1,000 से 1,500 KM तक ₹15,000
1,500 KM से अधिक ₹18,000
उदाहरण के लिए, दिल्ली से मुंबई (लगभग 1,300 किलोमीटर) के टिकट का बेस फेयर अब ₹15,000 से अधिक नहीं लिया जा सकेगा, जबकि दिल्ली से चेन्नई (1,700 किलोमीटर से अधिक) के लिए अधिकतम सीमा ₹18,000 तय की गई है।
नियम और शर्तें: किस पर लागू, किस पर नहीं
नागर विमानन मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि घरेलू हवाई किराया सीमा सभी एयरलाइंस पर समान रूप से लागू होगी, चाहे टिकट एयरलाइन की वेबसाइट से खरीदा गया हो या किसी ऑनलाइन ट्रैवल एजेंट (OTA) के माध्यम से।
लागू: यह सीमा केवल इकोनॉमी क्लास की उड़ानों पर लागू होगी।
छूट: बिजनेस क्लास और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना (UDAN) के तहत संचालित उड़ानों को इस सीमा से बाहर रखा गया है।
सरकार ने एयरलाइनों को यह भी निर्देश दिया है कि वे सभी किराया श्रेणियों में पर्याप्त सीटें उपलब्ध रखें और प्रभावित क्षेत्रों में बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए अतिरिक्त क्षमता जोड़ने पर विचार करें।
किराया कब तक लागू रहेगा?
मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि यह घरेलू हवाई किराया सीमा एक अस्थायी उपाय है। यह तब तक लागू रहेगी जब तक देश में उड़ानों का परिचालन पूरी तरह से स्थिर नहीं हो जाता और बाजार में किराए सामान्य स्तर पर वापस नहीं आ जाते।
इसकी निगरानी के लिए, मंत्रालय एयरलाइंस और ऑनलाइन ट्रैवल प्लेटफॉर्म के साथ सक्रिय समन्वय के माध्यम से किराए के स्तर पर कड़ी निगरानी रखेगा। मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि निर्धारित मानदंडों का उल्लंघन करने वाली किसी भी एयरलाइन के खिलाफ तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई की जाएगी।
