त्रिपुष्कर योग में इस बार पंचपर्व दीपोत्सव शुरू होगा। दीपोत्सव धन त्रयोदशी से भाई दूज तक चलेगा। यहां जानिए दिवाली पर तोरण और दीया जलाने से जुड़ी कुछ खास बातें।
खंभा
दिवाली पर मां लक्ष्मी और गणेश की विशेष पूजा की जाती है। कहा जाता है कि दिवाली के दिन देवी लक्ष्मी घरों में आ जाती हैं, इसलिए कई दिन पहले से ही लोग इस त्योहार की तैयारी शुरू कर देते हैं। इसी वजह से घर में साफ-सफाई, रंग-पेंटिंग आदि को महत्व दिया जाता है। कहा जाता है कि जिस घर में साफ-सफाई और साज-सज्जा जैसी चीजें होती हैं, वहां मां लक्ष्मी का वास होता है।
हिंदू धर्म में दिवाली का विशेष महत्व है। यह पर्व देश के कोने-कोने में मनाया जाता है। आपको बता दें कि दीपावली की साज-सज्जा में तोरण और दीयों को शुभता का प्रतीक माना जाता है, इनका अपना विशेष महत्व है। वास्तु नियमों के अनुसार तोरण घर में शुभता का एक रूप है, जो हमारे जीवन में सुख, सफलता और समृद्धि लाता है। देता है।
इस तरह बांधें
मुख्य द्वार पर बंधे हुए तोरण को कई लोग बंधनवार भी कहते हैं। ऐसा कहा जाता है कि देवी लक्ष्मी के स्वागत के लिए बंधनवार लगाया जाता है। यही कारण है कि लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए इसे दरवाजे पर बांधना शुभ माना जाता है।
दरवाजे पर तोरण कैसे लगाएं
जब भी आप बाजार से तोरण खरीदें तो उसके रंगों आदि का विशेष ध्यान रखें। यदि आपके घर का मुख्य द्वार पूर्व दिशा में हो तो हरे फूलों और पत्तों का तोरण लगाएं, इससे जीवन में खुशियां आती हैं। उत्तर दिशा के मुख्य द्वार के लिए नीले या आसमानी रंग के फूलों का प्रयोग करना चाहिए।
अगर घर का प्रवेश द्वार दक्षिण दिशा में है तो तोरण लाल, नारंगी या इसी तरह के रंगों का होना चाहिए। वहीं पश्चिम दिशा के द्वार पर पीले फूलों का तोरण शुभ होता है। वहीं आप चाहें तो आम के पत्तों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं, यह बहुत ही शुभ और फायदेमंद होता है। एक बात याद रखें कि जब भी ताजे फूलों या पत्तियों के बंडल सूख जाएं तो उन्हें हटा देना चाहिए। सूखा या मुरझाया हुआ बंधन नकारात्मक ऊर्जा पैदा करता है, और जीवन में शारीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
सकारात्मक ऊर्जा देता है
दीपावली की पूजा में गाय के घी का दीपक जलाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, इससे घर में सुख-समृद्धि आती है। वहीं वास्तु नियमों के अनुसार यदि आप पूजा घर में अखंड दीपक जलाते हैं तो जीवन में सुख और मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।
दीपावली के दिन लक्ष्मी जी की पूजा करने से उत्तर दिशा में दीपक जलाने से धन-धान्य की प्राप्ति होती है। दीपक जलाने से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और सकारात्मक ऊर्जा के साथ घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।
पूजा में मिट्टी का दीपक जलाएं तो उसे नहीं तोड़ना चाहिए। घर में टूटा हुआ दीपक अशुभ माना जाता है। गाय के घी का दीपक जलाने से आसपास का वातावरण कीटाणु मुक्त और शुद्ध हो जाता है।