जानकारी के अनुसार इस दौरान 2500 मजदूरों के भोजन की व्यवस्था की गयी. पीएम मोदी की पसंद को ध्यान में रखते हुए खाने में गुजराती व्यंजनों का भी इंतजाम किया गया था.
पीएम मोदी ने मजदूरों के साथ खाया खाना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को अपने संसदीय क्षेत्र काशी पहुंचे और काशी विश्वनाथ धाम के पहले चरण का उद्घाटन किया. काशी विश्वनाथ धाम परियोजना पांच लाख वर्ग फुट में फैली है और गंगा नदी को काशी विश्वनाथ मंदिर से जोड़ती है। इसके अलावा श्रद्धालुओं के लिए कई सुविधाएं विकसित की गई हैं। इसके उद्घाटन के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर के निर्माण कार्य में लगे मजदूरों के साथ भोजन भी किया.
इसकी कुछ तस्वीरें और वीडियो भी सामने आए हैं जिसमें पीएम मोदी मजदूरों के साथ खाना खाते नज़र आ रहे हैं. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी मजदूरों के साथ बैठकर खाना खाया। जानकारी के अनुसार इस दौरान 2500 मजदूरों के भोजन की व्यवस्था की गयी. पीएम मोदी की पसंद को ध्यान में रखते हुए खाने में गुजराती व्यंजनों का भी इंतज़ाम किया गया था. इससे पहले पीएम मोदी ने काशी विश्वनाथ धाम परियोजना के काम में लगे श्रमिकों के काम के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए उन पर गुलाब की पंखुड़ियां बरसाईं.
#WATCH | Varanasi: PM Narendra Modi along with CM Yogi Adityanath had lunch with the workers involved in construction work of Kashi Vishwanath Dham Corridor. pic.twitter.com/XAX371ThEw
— ANI UP (@ANINewsUP) December 13, 2021
वहीं पीएम मोदी ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में आने के बाद काल भैरव मंदिर में पूजा-अर्चना की और गंगा नदी में डुबकी लगाई. वहां से वे काशी विश्वनाथ मंदिर में पवित्र गंगा जल से भगवान शिव का जलाभिषेक करने आए। काशी विश्वनाथ धाम के उद्घाटन से पहले मोदी ने एक प्रार्थना समारोह में भी हिस्सा लिया.
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में क्या कहा?
वहीं काशी विश्वनाथ धाम परियोजना के उद्घाटन के बाद पीएम मोदी ने कहा, ”आज मैं हर उस मजदूर भाई बहन का आभार व्यक्त करना चाहता हूं जिसका इस भव्य परिसर के निर्माण में पसीना बहाया है. कोरोना था फिर भी उन्होंने यहां काम नहीं रुकने दिया। मुझे अभी इन मजदूर साथियों से मिलने और उनका आशीर्वाद लेने का सौभाग्य मिला है। काशी काशी है। काशी अविनाशी है। काशी में एक ही सरकार है, जिनके हाथ में डमरू है , उनकी सरकार है .. गंगा जहां बहती है वहां धारा बदल कर काशी को कौन रोक सकता है ?
पीएम मोदी ने कहा, “विश्वनाथ धाम का यह पूरा नया परिसर सिर्फ एक भव्य इमारत नहीं है, यह हमारे भारत की सनातन संस्कृति का प्रतीक है! यह हमारी आध्यात्मिक आत्मा का प्रतीक है! यह भारत की पुरातनता, परंपराओं का प्रतीक है! भारत की ऊर्जा, गतिशीलता का प्रतीक है।”
पीएम मोदी ने कहा, ‘आक्रमणकारियों ने इस शहर पर हमला किया, इसे नष्ट करने की कोशिश की! औरंगजेब के अत्याचारों का इतिहास, उसका आतंक गवाह है। जिसने तलवार से सभ्यता को बदलने की कोशिश की, जिसने संस्कृति को कट्टरता से कुचलने की कोशिश की! लेकिन इस देश की मिट्टी बाकी दुनिया से अलग है।
“अगर औरंगज़ेब यहाँ आता है, तो शिवाजी भी खड़े हो जाते हैं।”
उन्होंने कहा, ‘अगर औरंगज़ेब यहां आ जाए तो शिवाजी भी खड़े हो जाते हैं! अगर कोई सालार मसूद यहां घूमता है तो राजा सुहेलदेव जैसे वीर योद्धा उसे हमारी एकता की शक्ति का अहसास कराते हैं। और ब्रिटिश काल में भी काशी के लोगों ने हेस्टिंग्स के साथ क्या किया, यह काशी के लोगों को पता है।
पीएम मोदी ने जनता से मांगी तीन चीजें
जनता को भगवान बताते हुए पीएम मोदी ने उनसे तीन चीजों की मांग की. उन्होंने कहा, “गुलामी की लंबी अवधि ने हम भारतीयों के विश्वास को इस तरह से तोड़ दिया कि हमने अपनी रचना में विश्वास खो दिया। आज इस हज़ार साल पुरानी काशी से मैं हर देशवासी का आह्वान करता हूं- पूरे आत्मविश्वास के साथ सृजन करो, नवप्रवर्तन करो, अभिनव तरीके से करो। मेरे लिए जनार्दन भगवान का रूप है, हर भारतीय भगवान का एक अंश है, इसलिए मैं कुछ मांगना चाहता हूं। मुझे आपसे तीन संकल्प चाहिए, अपने लिए नहीं बल्कि अपने देश के लिए- स्वच्छता, निर्माण और आत्मनिर्भर भारत के लिए निरंतर प्रयास।
पीएम मोदी ने आगे कहा, तीसरा संकल्प जो हमें आज लेना है, वह है आत्मनिर्भर भारत के लिए अपने प्रयासों को बढ़ाना. यह मुक्ति का अमृत है। हम आजादी के 75वें साल में हैं। भारत कैसा होगा इसके लिए हमें अभी से काम करना होगा जब भारत आजादी के सौ साल का जश्न मनाएगा।