उत्तर प्रदेश के गोरखपुर शहर में एक होटल के कमरे से फंदे में लटकती युवक की लाश मिली है। लाश के पास ही पुलिस को एक सुसाइड नोट भी मिला है। युवक कर्ज में था और पारिवारिक कलह से भी परेशान था। जानकारी के अनुसार गोरखपुर जिले के गोरखनाथ इलाके के धर्मशाला बाजार स्थित एक होटल के कमरे से पुलिस ने शनिवार देर शाम एक फंदे से लटकती एक लाश बरामद करी है। मृतक की पहचान प्रयागराज निवासी 38 वर्षीय आशीष मिश्रा के रूप में हुई है। पुलिस को घटनास्थल से दो पैन का एक सुसाइड नोट भी मिला है जिसमे उसने क़र्ज़ और खुद को परिवार के काबिल न होने जैसी बाते लिखी हैं। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टर्म करा कर परिजनों के सुपुर्द कर दिया है। मौका ऐ वारदात से फॉरेंसिक एक्सपर्ट ने भी साक्ष्य इकठ्ठा किये हैं।
जानकारी के मुताबिक़ मृतक आशीष मिश्रा पुत्र उमानंद मिश्रा प्रयागराज जिले के नैनी इलाके के लेबर कॉलोनी का निवासी था और एक हर्बल कंपनी में एसीएम के पद पर काम करता था। पिछली 8 सितम्बर से ही वह धर्मशाला स्थित होटल में ठहरा हुआ था। शनिवार को जब पूरा दिन उसके कमरे से रूम सर्विस के लिए कोई कॉल नहीं आया तो होटल कर्मचारियों को शक हुआ। उन्होंने शाम को दरवाजा खुलवाने की कोशिश करी। कोई जवाब ना आने पर होटल कर्मचारियों ने गोरखनाथ पुलिस को खबर करी। पुलिस की मौजूदगी में जब दरवाजे को खुलवाया गया तो देखा आशीष गमछे की सहायता से पंखे में फंदा बना कर लटका हुआ है। पुलिस ने शव को नीचे उतरवा कर कमरे की छानबीन करी तो दो पेज का सुसाइड नोट बरामद हुआ। परिजनों को सूचना देने के बाद शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया था। रविवार को परिजनों को शव सुपुर्द कर दिया गया, जिसे लेकर वह प्रयागराज के लिए रवाना हो गए।
आशीष के पिता उमानंद मिश्रा ने बताया कि कंपनी के काम को लेकर वह कुछ दिनों से परेशान चल रहा था। दो भाइयों में बड़ा आशीष छह वर्षीय बेटे ओम का पिता था। छोटा भाई आदित्य है, जो प्राइवेट काम करता है।सुसाइड नोट में आशीष ने लिखा है कि पापा जी मुझे माफ कर दीजिएगा। मैं न तो अच्छा बेटा बन पाया और न ही एक अच्छा पिता। कर्ज से परेशान हो गया हूं। मेरी वजह से पूरा परिवार परेशान होता है। इस वजह से मैं अपनी जिंदगी को खत्म कर रहा हूं। अंत में उसने फिर लिखा है कि पापा मुझे माफ कर दीजिएगा।