याद कीजिए–यौन शौषण के खिलाफ हमारे पदकवीर पहलवानों के पहले धरने के दिन ही मैंने लिखा था कि इतने से काम नहीं चलेगा। दबाव के लिए फिर धरना देना होगा।
बीजेपी बृजभूषण सिंह के आरोपों के खिलाफ़ खड़ी है और रहेगी। बेटी बचाओ का जुमला ऐसे ही लोगों के लिए एक चेतावनी दी।
अब बीजेपी ने धरने के दूसरे एपिसोड को देश की इज्ज़त का मुद्दा क्या बनाया, लोगों को पता चल रहा है कि हमारे भगवान, नामी खिलाड़ियों ने पोस्ट रिटायरमेंट मलाई चाटने के लिए अपनी रीढ़ ही निकलवा ली है।
ये अमृतकाल में कोई नई बात नहीं है। सत्ता बड़ी चीज़ है। इसके लिए लिवर, किडनी और दिल भी न्योछावर है।
फिर तो यह देश की इज्ज़त का मामला है। पीटी ऊषा और आमिर खान तक इसके लिए अपनी इज़्ज़त को दांव पर लगाने को बुरा नहीं मान रहे।
आज देखते हैं सुप्रीम कोर्ट किसे अहम मानता है–अपनी या देश की इज़्ज़त?