
इराक में इन दिनों नाक से खून बहने वाले बुखार, क्रीमियन-कांगो हेमोरेजिक बुखार के 111 मामले सामने आए हैं। इसमें 19 लोगों की मौत हो चुकी है। कुछ अन्य रिपोर्टों के अनुसार, नाक से खून बहने वाले बुखार से पीड़ित हर 5 में से 2 व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है। यह पशुओं और पालतू जानवरों के शरीर पर रहने वाले टिक्कों से मनुष्यों को काटने से फैलता है। इस वायरल बीमारी के लिए फिलहाल कोई टीका नहीं है। हालांकि भारत में अभी इस मामले की शिनाख्त नहीं हो पाई है, लेकिन प्रभावित देशों के हालात को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर है।
नाक से खून बहने वाला बुखार क्या है?
इस रोग से संक्रमित होने पर नाक से खून भी निकलता है, जिससे इसे ‘नाक से खून बहने वाला बुखार’ भी कहा जाता है। यह जूनोटिक (पशु) रोग है। यह वायरस मनुष्यों में या तो टिक काटने से या जानवरों को काटते समय संक्रमित जानवरों के रक्त या ऊतकों के संपर्क में आने से फैलता है।
क्या हैं इसके लक्षण, कब दिखाई देते हैं?
एक व्यक्ति को संक्रमित होने के बाद लक्षण दिखने में करीब 3 दिन का समय लगता है। इसका संक्रमण 13 दिनों तक रह सकता है। संक्रमित व्यक्ति के शरीर पर लाल चकत्ते पड़ जाते हैं। लक्षणों में सिरदर्द, नाक से खून बहना, तेज बुखार, पीठ दर्द, जोड़ों में दर्द, पेट दर्द और उल्टी शामिल हैं।
किन लोगों को है संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा?
लोग मुख्य रूप से जानवरों में टिक काटने से संक्रमित होते हैं। मवेशी प्रजनकों और जिनके घरों में पालतू जानवर हैं, उनके संक्रमित होने की संभावना अधिक होती है। यह संक्रमण संक्रमित व्यक्ति के खांसने और छींकने या खून के जरिए दूसरे व्यक्ति में भी फैल सकता है।
नाक से खून बहने वाले बुखार से कैसे बचें?
टिक्कों (कीटों को काटने) वाली जगहों पर जाने से बचें। खुली जगह जैसे- पेड़ के नीचे या बगीचे में न सोएं। जब आसपास जानवर हों तो हमेशा कपड़े साफ करें। पालतू जानवरों को समय-समय पर साफ करते रहें, ताकि उनमें टिक न लगें।
क्या नाक से खून बहने वाले बुखार के लिए कोई टीका है?
क्रीमियन-कांगो हेमोरेजिक फीवर वायरस के लिए अभी तक कोई टीका विकसित नहीं किया गया है, इसलिए सावधानी बरतने पर ही इसे रोका जा सकता है। हालांकि, भारत में अभी तक इस मामले की पहचान नहीं हो पाई है।
