
पैगंबर मुहम्मद पर विवादित टिप्पणी के खिलाफ कुवैत के फहील इलाके में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। इसके बाद कुवैत सरकार ने सख्त कार्रवाई करते हुए पैगंबर के समर्थन में नारे लगाने वाले प्रवासी प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार करने का आदेश दिया है. उन्हें उनके देश वापस भेजने का भी फैसला किया गया है। इसके अलावा उनके कुवैत लौटने पर रोक लगा दी जाएगी।
क्यों हो रही है गिरफ्तारी?
कुवैत के अखबार ‘अरब टाइम्स’ के मुताबिक, फहील में प्रवासियों (कुवैत में रहने वाले विदेशियों) ने जुमे की नमाज के बाद नूपुर शर्मा के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। इससे कुवैत सरकार नाराज हो गई। इसे कुवैती कानून का सीधा उल्लंघन माना जा रहा है।
नूपुर शर्मा के बयान पर बवाल
दरअसल, भारत में भारतीय जनता पार्टी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने करीब दस दिन पहले एक टीवी चैनल में एक बहस के दौरान कथित तौर पर पैगंबर मोहम्मद पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. इस मामले ने गति पकड़ी और इस्लामी देशों ने भारत की निंदा की। नूपुर के खिलाफ कई देशों में एक हफ्ते से प्रदर्शन चल रहा है.
कुवैत समेत 57 देशों में विरोध प्रदर्शन
57 मुस्लिम देशों के संगठन इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) ने इस मुद्दे पर पहले विरोध किया और उसके बाद कुछ अरब देशों ने भारतीय उत्पादों का बहिष्कार करना शुरू कर दिया। इसके साथ ही ईरान, इराक, कुवैत, कतर, सऊदी अरब, ओमान, यूएई, जॉर्डन, अफगानिस्तान, बहरीन, मालदीव, लीबिया, इंडोनेशिया, तुर्की, मलेशिया और पाकिस्तान ने भी इस बयान का विरोध किया है।
भारत ने OIC के बयान को खारिज किया
भारतीय विदेश मंत्रालय ने OIC के बयान पर आपत्ति जताई है. विदेश मंत्रालय ने कहा- भारत OIC सचिवालय की अनावश्यक और छोटी सोच वाली टिप्पणियों को सिरे से खारिज करता है। भारत सरकार सभी धर्मों को सम्मान देती है।
कुवैत में 4.5 लाख भारतीय हैं
ऐतिहासिक रूप से भारत और कुवैत के बीच संबंध काफी मजबूत रहे हैं। भारत अपनी तेल जरूरत का एक बड़ा हिस्सा यहीं से आयात करता है। वहीं कुवैत में काम करने वाले भारतीयों की कुल संख्या करीब 4.5 लाख है। प्रवासी कुवैत की कुल आबादी का 75% हिस्सा हैं, जिनमें से अधिकांश भारतीय हैं। इससे भारत को 5.5% विदेशी मुद्रा मिलती है।
