

सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में सुनवाई करते हुए 4 साल से कैद 2 लोगो को जमानत दी, और कहा बिना ट्रायल के किसी को इतने लंबे समय तक बंदी बनाना आन्यपूर्ण होगा।
एक क्रिमिनल केस में सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के दो लोगो को जमानत दी क्युकी दोनो को चार से अधिक समय तक बिना ट्रायल की बंदी बनाकर रखा गया। जस्टिस संजय कौल की बेंच ने सुनवाई करते हुए कहा की “हम किसी भी वजह से किसी भी आरोपी को कैद में रख नही सकते, जिनका पूर्ण रूप से ट्रायल भी नही हुआ हो” सुनवाई के दौरान जस्टिस पीएस नरसिम्हा भी शामिल थे।
कोर्ट ने कहा चार साल से चले आ रहे इस केस में आरोपियों का सही से एग्जामिन भी नही हुआ । ट्रायल कोर्ट ने आरोपियों को कुछ टर्म्स एंड कंडीशन के साथ जमानत दे दी।
हालाकि ट्रायल कोर्ट ने कहा की अगर याचिकाकर्ता ट्रायल में देरी करता है तो ट्रायल कोर्ट इसे फिर से बंदी बनाने की इज़ाजत देती है।
या फिर उसने कोर्ट की दी हुई तारिक पर उपस्थिति दर्ज नहीं की तो उस पर कार्यवाही की जाएगी।
कोर्ट ने साफ तौर पर कहा की याचिकाकर्ता के वकील ने अगर केस को स्थानांतरण करने की मांग उठाई तो ये तभी संभव होगा जब उनके पास कोई ठोस रीजन हो।
