

मांडवी सीट कच्छ जिले की छह सीटों में से एक है। 2017 में जिले की छह में से चार सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी। जबकि कांग्रेस सिर्फ दो सीटों पर जीत हासिल कर पाई थी। मांडवी विधानसभा सीट की बात की जाए तो यहां से लगातार तीन चुनाव बीजेपी जीती है बीजेपी केइस सीट का अलग ही राजनीतिक समीकरण है। गुजरात के तटीय कच्छ जिले की मांडवी सीट पर पहले चरण में मतदान 1 दीसंबर को हो रहा है। इस सीट पर बीजेपीने अपने मौजूदा विधायक वीरेंद्रसिंह जडेजा का टिकट काटा है। जडेजा की जगह बीजेपी ने अनिरुद्ध भाईलाल दवे को मैदान में उतारा है। जबकि कांग्रेस ने राजेंद्र सिंह जडेजा को टिकट नहीं दीया है।
पीछली बार जीत की हेट्रीक लगाई थी। 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने इस सीट से वीरेंद्रसिंह जडेजा को अपना उम्मीदवार बनाया था। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी शक्तिसिंह गोहिल को नौ हजार वोट से हराया था। बीजेपी की यह लगातार तीसरी जीत थी। इस चुनाव में कुल 17 उम्मीदवार मैदान में थे, कांग्रेस और भाजपा प्रत्याशियों के अलावा बाकी 15 प्रत्याशियों की जमानत जब्त कर ली गई थी।
2012 के चुनाव में भी बीजेपी की अच्छी जीत हुई थी। 2012 के चुनाव में मांडवी की इस सीट पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी। भाजपा के ताराचंद छेड़ा ने कांग्रेस प्रत्याशी किशोर सिंह परमार को नौ हजार मतों से हराया। इस चुनाव में कुल 11 उम्मीदवार मैदान में थे। भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों को छोड़कर बाकी नौ प्रत्याशियों की जमानत जब्त कर ली गई थी।
2002 में कांग्रेस ने बीजेपी की जीत का सिलसिला तोड़ डाला
2002 के विधानसभा चुनाव को छोड़ दें तो मांडवी सीट जनसंघ के दिनों से ही बीजेपी का गढ़ रही है। 2002 में, कांग्रेस के छबील पटेलने भाजपा उम्मीदवार सुरेश चंद्र मेहता को मात्र 598 वोटों से हराकर भाजपा की जीत की लय को तोड़ दिया। 2002 से पहले हुए चार चुनावों में भाजपा के वरिष्ठ नेता सुरेश चंद्र मेहता जीते थे। मेहता पहली बार 1985 का चुनाव जीते। इसके बाद उन्होंने 1990, 1995 और 1998 में भी जीत हांसिल की। मेहता 1975 में जनसंघ के टिकट पर भी जीते थे। हालांकि, 1980 में यहां से कांग्रेस जीती थी।
