

बॉलीवुड फिल्मों में कॉमेडी को एक अलग रूप देने वाले जगदीप ने बचपन से लेकर बुढ़ापे तक कभी भी एक्टिंग से ब्रेक नहीं लिया। भले ही फिल्म शोले का ‘सूरमा भोपाली’ आज इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनके द्वारा निभाए गए किरदार लोगो के ज़हन में उन्हें हमेशा उन्हें अमर रखेंगे। जगदीप की आज (बुधवार) 84वीं बर्थ एनिवर्सरी है। जगदीप का जन्म 28 मार्च, 1939 को मध्य प्रदेश के दतिया जिले में हुआ था। उनका असली नाम ‘सैयद इश्तियाक अहमद जाफरी’ था। जगदीप के नाम से बाद में फिल्म इंडस्ट्री और फैंस के बीच उन्हें पहचान मिली।
अपनी बेहतरीन कॉमेडी से सभी को हंसाने वाले जगदीप का बचपन बेहद गरीबी में बीता था। जगदीप के सर से उनके पिता का साया बचपन में ही उठ गया था। उनकी मां कनीज हैदर ने किसी तरह उन्हें पढ़ाया और बड़ा किया। एक दिन जगदीप ने बच्चो को काम करते देखा तो उन्होंने भी ज़िद पकड़ ली की वो भी काम करेंगे और उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी। इसी दौरान एक दिन फिल्मों में काम करने वाला एक शख्स वहां आया, जिसे कुछ बच्चों की तलाश थी अपनी फिल्म के लिए। शख्स ने जगदीप से कहा कि क्या वो फिल्म में काम करेंगे? जगदीप ने पूछा ये क्या होता है? शख्स ने कहा नाटक होता है, जिसमें कलाकार होते हैं। जगदीप ने फिर पूछा कितने पैसे मिलेंगे? शख्स ने कहा 3 रुपये। इतना सुनते ही जगदीप अगले दिन अपनी माँ के साथ फिल्म के सेट पर पहुंच गए। वहां उन्होंने पाया की एक बच्चा उर्दू में डॉयलोग नहीं बोल पा रहा है। तभी जगदीप को पता चला की डायलॉग बोलने पर 6 रुपये मिलेंगे। बस इतना सुनते ही जगदीप ने डायलाग बोलने की गुजारिश करी और एक ही बार में पूरा डायलाग बोल दिया।
इस फिल्म का नाम था ‘अफसाना’ जिसे वीआर चोपड़ा ने डायरेक्ट किया था। इसी फिल्म से जगदीप ने चाइल्ड एक्टर के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की। फिल्म ‘भाभी’ से जगदीप ने बतौर लीड एक्टर अपना करियर शुरू किया। जगदीप इकलौते चाइल्ड आर्टिस्ट थे जिन्होंने लगातार 35 साल काम किया, कभी ब्रेक नहीं लिया। पचपन, जवानी और बुढ़ापे तक जगदीप बॉलीवुड में काम करते रहे । 81 साल की उम्र में 8 जुलाई, 2020 को उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया।
