
- ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता और भारत के गोल्डन बॉय के नाम से मशहूर भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा को भारतीय सेना ने एक दुर्लभ सम्मान से नवाजा है।
- नीरज चोपड़ा को प्रादेशिक सेना (Territorial Army) में लेफ्टिनेंट कर्नल की मानद (Honorary) उपाधि प्रदान की गई है।
- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी की उपस्थिति में दिल्ली में आयोजित एक विशेष समारोह में उन्हें उनके नए पद के प्रतीक चिन्ह लगाए गए।
नई दिल्ली, 23 अक्टूबर: भारत के स्टार एथलीट नीरज चोपड़ा ने खेल के मैदान में अपनी उपलब्धियों के दम पर देश का नाम रोशन किया है, और अब उन्हें भारतीय सेना में भी बड़ा सम्मान मिला है। 22 अक्टूबर, 2025 को उन्हें भारतीय सेना की प्रादेशिक सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल (मानद) की उपाधि से सम्मानित किया गया। यह उपाधि उनकी असाधारण खेल उपलब्धियों और देश के युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बनने के लिए दी गई है।
नीरज चोपड़ा पहले से ही भारतीय सेना के साथ जुड़े हुए थे। उन्होंने 2016 में नायब सूबेदार (जूनियर कमीशंड अधिकारी – JCO) के रूप में सेना की राजपूताना राइफल्स रेजिमेंट में शामिल हुए थे। अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन के कारण, उन्हें 2021 में सूबेदार और 2022 में सूबेदार मेजर के पद पर पदोन्नत किया गया था। अब लेफ्टिनेंट कर्नल का मानद पद प्राप्त कर, वह सेना में एक उच्च अधिकारी रैंक पर पहुँच गए हैं। यह मानद कमीशन 16 अप्रैल, 2025 से प्रभावी माना गया है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया सम्मानित
नई दिल्ली स्थित साउथ ब्लॉक में आयोजित ‘पिपिंग समारोह’ (Pipping Ceremony) में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और थल सेना अध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने स्वयं नीरज चोपड़ा को लेफ्टिनेंट कर्नल के प्रतीक चिन्ह लगाकर उन्हें औपचारिक रूप से सम्मानित किया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस अवसर पर नीरज चोपड़ा की सराहना करते हुए कहा कि, “लेफ्टिनेंट कर्नल (मानद) नीरज चोपड़ा दृढ़ता, देशभक्ति और उत्कृष्टता के लिए प्रयास करने की भारतीय भावना के प्रतीक हैं।” उन्होंने कहा कि नीरज ने अपने अनुशासन और समर्पण से न केवल खेल जगत में, बल्कि पूरे देश में प्रेरणा का स्रोत बनने का काम किया है।
इस सम्मान को प्राप्त करने के बाद, नीरज चोपड़ा ने अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि, “यह सम्मान से कहीं अधिक है—यह मेरे देश के प्रति एक जिम्मेदारी है।” उन्होंने इस वर्दी को पहनने पर गर्व महसूस किया और रक्षा मंत्री व प्रादेशिक सेना का आभार व्यक्त किया।
क्यों दिया जाता है यह मानद सम्मान?
भारतीय सेना द्वारा यह मानद रैंक (Honorary Rank) ऐसे असाधारण नागरिकों को दिया जाता है, जिन्होंने अपने संबंधित क्षेत्रों में राष्ट्रीय गौरव बढ़ाया है और देश के युवाओं को सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए प्रेरित किया है। यह सम्मान सेना के साथ नागरिक जीवन के मजबूत बंधन का भी प्रतीक है।
नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारत के लिए एथलेटिक्स का पहला स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा था। इसके बाद उन्होंने पेरिस ओलंपिक 2024 में रजत पदक, विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2023 में स्वर्ण पदक और एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों में भी स्वर्ण पदक जीते हैं। उनकी ये उपलब्धियाँ उन्हें यह दुर्लभ सम्मान पाने वाले चुनिंदा एथलीटों की श्रेणी में खड़ा करती हैं।
नीरज चोपड़ा से पहले, क्रिकेट जगत के दिग्गज महेंद्र सिंह धोनी को भी प्रादेशिक सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल की मानद उपाधि से सम्मानित किया जा चुका है, और ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता निशानेबाज अभिनव बिंद्रा को भी यह सम्मान मिल चुका है।
अनुशासन और प्रेरणा का प्रतीक
नीरज चोपड़ा का जीवन सफर अनुशासन, कड़ी मेहनत और देशभक्ति का एक शानदार मिश्रण है। भारतीय सेना में शामिल होने के बाद भी, उन्होंने अपनी ट्रेनिंग और प्रतिस्पर्धाओं पर ध्यान केंद्रित रखा और लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।
उनके इस नए पद से युवा पीढ़ी को यह संदेश मिलेगा कि देश सेवा का अर्थ केवल सीमा पर लड़ना ही नहीं है, बल्कि खेल और कला जैसे अन्य क्षेत्रों में उत्कृष्टता हासिल करके भी राष्ट्र का गौरव बढ़ाया जा सकता है। यह सम्मान नीरज चोपड़ा की अथक दृढ़ता और राष्ट्रीय पहचान को और मजबूत करता है। उनका नया ओहदा उन्हें देश के युवाओं के लिए एक रोल मॉडल के रूप में स्थापित करेगा, जो उन्हें सेना के मूल्यों और खेल में समर्पण के प्रति प्रेरित करेगा।
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