
भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने गुरुवार, 30 अक्टूबर 2025 को नवी मुंबई में इतिहास रच दिया। सात बार की चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को आईसीसी महिला वनडे विश्व कप के सेमीफाइनल में 5 विकेट से हराकर टीम इंडिया ने रिकॉर्ड-तोड़ 339 रनों का लक्ष्य सफलतापूर्वक चेज़ किया। यह जीत सिर्फ एक मैच की नहीं, बल्कि एक युग की समाप्ति और भारतीय महिला क्रिकेट के नए आत्मविश्वास का प्रतीक है। इस जीत के शिल्पकार थे युवा जेमिमा रोड्रिग्स (नाबाद 127 रन) और कप्तान हरमनप्रीत कौर (89 रन)।
🎯 ऑस्ट्रेलिया के 338 रन: गलती कहाँ हुई?
ऑस्ट्रेलियाई टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए फोएबे लिचफिल्ड (119 रन) के शानदार शतक और अनुभवी एलिस पेरी (77 रन) की पारियों की बदौलत स्कोरबोर्ड पर 338 रनों का विशाल पहाड़ खड़ा कर दिया।
विश्लेषण के मुख्य बिंदु:
बल्लेबाजी में अति-आक्रामकता: ऑस्ट्रेलिया ने शानदार शुरुआत की, लेकिन बीच के ओवरों में उनकी कुछ बल्लेबाज अनावश्यक रूप से आक्रामक दिखीं। लिचफिल्ड और पेरी ने अच्छी नींव रखी थी, लेकिन निचले क्रम की बल्लेबाज 35वें से 45वें ओवर के बीच रन-गति को और तेज़ करने की कोशिश में अपने विकेट गंवा बैठीं।
भारतीय स्पिनरों का संयम: दीप्ति शर्मा और राधा यादव ने शुरुआती रन लुटाने के बाद भी अपनी लाइन और लेंथ नहीं छोड़ी। दीप्ति ने अंतिम ओवरों में दो महत्वपूर्ण विकेट लेकर ऑस्ट्रेलिया को 340 के पार जाने से रोका, जिससे भारत को मनोवैज्ञानिक बढ़त मिली।
मैदान पर ख़राब प्रदर्शन: ऑस्ट्रेलियाई टीम, जो अपनी शानदार फील्डिंग के लिए जानी जाती है, ने इस मैच में निराशाजनक प्रदर्शन किया। एलिसा हीली ने महत्वपूर्ण कैच और स्टंपिंग के मौके गंवाए, जिनमें जेमिमा रोड्रिग्स को मिला जीवनदान सबसे महंगा साबित हुआ।
👑 जेमिमा-हरमन: दबाव में निखरी जुगलबंदी
339 रनों का पीछा करना किसी भी टीम के लिए मुश्किल होता है, खासकर जब सामने ऑस्ट्रेलिया जैसी दिग्गज टीम हो। शेफाली वर्मा (10) और स्मृति मंधाना (24) के जल्दी आउट होने के बाद, भारतीय टीम 59/2 के स्कोर पर दबाव में थी। यहीं पर जेमिमा रोड्रिग्स और हरमनप्रीत कौर ने मैच का रुख बदल दिया।
जेमिमा की परिपक्वता (Maturity): जेमिमा ने नंबर तीन पर आकर शानदार परिपक्वता दिखाई। उन्होंने हरमनप्रीत को खुलकर खेलने का मौका दिया और खुद स्ट्राइक रोटेट करने पर ध्यान केंद्रित किया। उनके 134 गेंदों पर नाबाद 127 रन सिर्फ रन नहीं थे, बल्कि मानसिक दृढ़ता का प्रमाण थे। उन्होंने शांत रहकर, अपने क्लासिक स्ट्रोक्स पर भरोसा किया और अंत तक क्रीज पर टिकी रहीं। मैच जीतने के बाद उनके आंसू उनकी पिछली मानसिक चुनौतियों और इस जीत के महत्व को दर्शाते हैं।
हरमनप्रीत की कप्तानी पारी: कप्तान हरमनप्रीत कौर ने 88 गेंदों में 89 रनों की आक्रामक पारी खेलकर ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों पर पलटवार किया। उनकी पारी ने रनों की गति को बनाए रखा और जेमिमा पर से दबाव कम किया। दोनों के बीच तीसरे विकेट के लिए 167 रनों की साझेदारी ही इस ऐतिहासिक चेज़ की नींव बनी। यह साझेदारी साबित करती है कि भारत के पास बड़े लक्ष्य का पीछा करने की क्षमता और आत्मविश्वास है।
फ़िनिशिंग टच: दीप्ति शर्मा (24 रन) और ऋचा घोष (26 रन) ने छोटी लेकिन तेज़ पारियां खेलकर आवश्यक रन रेट को कभी बहुत ऊपर नहीं जाने दिया। ऋचा ने तो केवल 16 गेंदों में 26 रन बनाए, जिससे अंतिम ओवरों में जेमिमा को खुलकर खेलने का मौका मिला। अमनजोत कौर ने विजयी चौका लगाकर टीम को जीत दिलाई।
📈 भारत के लिए फ़ाइनल की राह
यह जीत भारतीय महिला क्रिकेट के लिए एक मील का पत्थर है। न केवल भारत ने महिला वनडे इतिहास का सबसे बड़ा लक्ष्य चेज़ किया है, बल्कि उन्होंने उस ऑस्ट्रेलियाई टीम को हराया है जो 2017 विश्व कप सेमीफाइनल के बाद से इस टूर्नामेंट में अजेय थी।
भारतीय टीम अब तीसरी बार विश्व कप के फाइनल में पहुंची है, जहां उसका मुकाबला 2 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका से होगा। यह पहली बार है जब महिला विश्व कप को कोई नया चैंपियन मिलेगा, क्योंकि दोनों ही टीमें अभी तक खिताब नहीं जीत पाई हैं। जेमिमा की यह ‘जादुई’ पारी भारत की नई पीढ़ी के निर्भीक और जुझारू रवैये को दर्शाती है, जो उन्हें फ़ाइनल में सफलता दिला सकती है।
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