Hindi News, Latest News in Hindi, हिन्दी समाचार, Hindi Newspaper
दुनियाब्रेकिंग न्यूज़भारतराजनीति

मोदी पुतिन शिखर वार्ता: वैश्विक मीडिया ने माना भारत की कूटनीति का दबदबा

अमेरिकी, चीनी और यूरोपीय मीडिया ने पीएम मोदी के प्रोटोकॉल तोड़ने वाले स्वागत को बताया भारत की 'रणनीतिक स्वायत्तता' का स्पष्ट संदेश

मोदी पुतिन शिखर वार्ता

नई दिल्ली, 06 दिसंबर: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की 30 घंटे की संक्षिप्त लेकिन अत्यंत महत्वपूर्ण भारत यात्रा ने एक बार फिर वैश्विक मीडिया का ध्यान भारत की ओर आकर्षित किया है। गुरुवार शाम को दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर पुतिन के विमान के उतरते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रोटोकॉल तोड़ते हुए गले लगाकर उनका स्वागत किया। इस गर्मजोशी भरे स्वागत और इसके बाद दोनों नेताओं का एक ही कार से पीएम आवास के लिए रवाना होना—ये दृश्य अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों का केंद्र बन गए।

यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब रूस पर पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए कड़े प्रतिबंध (सैंक्शंस) लागू हैं, और भारत पर भी रूसी तेल खरीदने के कारण अमेरिका द्वारा टैरिफ लगाए गए हैं। अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने इस मुलाकात को मौजूदा भू-राजनीतिक उथल-पुथल के बीच भारत की स्वतंत्र विदेश नीति और रणनीतिक स्वायत्तता के एक स्पष्ट प्रदर्शन के रूप में देखा।

I. अमेरिकी मीडिया: रूस के पास अब भी ग्लोबल पार्टनर

अमेरिकी मीडिया ने इस बैठक को कई कोणों से देखा। न्यूयॉर्क टाइम्स ने इस बात पर जोर दिया कि पीएम मोदी का पुतिन को रिसीव करने जाना दोनों नेताओं की नजदीकी को दिखाता है। अखबार ने कहा कि पुतिन के लिए यह दौरा दुनिया को यह दिखाने का एक तरीका है कि ग्लोबल साउथ (Global South) में रूस के पास अब भी मजबूत पार्टनर मौजूद हैं।

अमेरिका, जो भारत की रूस से तेल खरीद पर लगातार नाराजगी जाहिर कर रहा है, उस संदर्भ में अखबार ने लिखा कि पीएम मोदी के सामने चुनौती यह है कि वह रूस, जो उसका सबसे बड़ा हथियार सप्लायर है, और अमेरिका, जो उसका सबसे बड़ा व्यापारिक पार्टनर है, इन दोनों के बीच संतुलन बनाए रखें। अमेरिकी मीडिया ने स्वीकार किया कि भारत-रूस संबंध दशकों पुराने हैं और पुतिन की यात्रा रक्षा, व्यापार और भारतीय कामगारों की रूस में तैनाती पर बातचीत होने की उम्मीद जगाती है।

II. रूसी मीडिया: सेंसिटिव मुद्दों पर हुई अहम बातचीत

रूस की समाचार एजेंसी TASS और रशिया टुडे ने इस यात्रा को प्रमुखता से कवर किया। TASS ने पुतिन और पीएम मोदी के एयरपोर्ट से पीएम मोदी की आधिकारिक कार में रवाना होने की घटना को विशेष रूप से उल्लेखित किया।

रूस की मीडिया ने पुतिन के करीबी नेताओं के हवाले से कहा कि प्रधानमंत्री आवास पर डिनर के दौरान हुई अनौपचारिक बातचीत दौरे की सबसे अहम घटना हो सकती है, क्योंकि ऐसी ही मुलाकातों में आम तौर पर महत्वपूर्ण और सेंसिटिव मुद्दों पर बातें होती हैं। इससे यह संकेत मिलता है कि दोनों नेताओं ने औपचारिक एजेंडे से हटकर भी कई गहरे और गोपनीय मामलों पर चर्चा की।

III. चीनी मीडिया: पश्चिमी प्रतिबंध अप्रभावी

चीनी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने इस बैठक को एशिया में रूस-भारत की मजबूत रणनीतिक साझेदारी का स्पष्ट संदेश बताया। चीनी विशेषज्ञों ने इस बात पर जोर दिया कि भारत और रूस का रिश्ता पूरी तरह रणनीतिक है और किसी बाहरी दबाव से प्रभावित नहीं होता।

प्रोफेसर ली हाईडोंग के अनुसार, पुतिन मोदी शिखर वार्ता दुनिया को यह बताती है कि न भारत और न रूस अकेले हैं, और पश्चिमी प्रतिबंध इन देशों की नीतियों को बदलने में सक्षम नहीं होंगे। चीन इसे एक संकेत के रूप में देखता है कि भारत अपनी विदेश नीति में अमेरिका या यूरोप के दबाव के आगे झुकने वाला नहीं है, जिससे वैश्विक शक्ति संतुलन में एशिया की भूमिका और मजबूत होगी।

IV. यूरोपीय मीडिया: दोस्ती, लिमोजीन डिप्लोमेसी और कूटनीति की परीक्षा

ब्रिटिश मीडिया (BBC): बीबीसी ने पुतिन के गर्मजोशी भरे स्वागत पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब अमेरिका भारत पर रूसी तेल खरीद कम करने का दबाव डाल रहा है। बीबीसी ने रक्षा और ऊर्जा संबंधों पर जोर देते हुए कहा कि रूस दुनिया को दिखाना चाहता है कि यूक्रेन युद्ध के बावजूद वह अलग-थलग नहीं है। उन्होंने रूस में स्किल्ड वर्कर्स की कमी और भारत को एक बड़े स्रोत के रूप में देखने के रूस के दृष्टिकोण को भी प्रमुखता दी।

जर्मन मीडिया (DW): जर्मन मीडिया ने इस मुलाकात को ‘लिमोजीन डिप्लोमेसी’ करार दिया। उन्होंने कहा कि मोदी पुतिन से मुलाकात करके बहुत खुश हैं और उन्हें ‘दोस्त’ कहा है। दोनों नेता का लिमोजीन में साथ जाना, संबंधों की नजदीकी दिखाता है। पुतिन का लक्ष्य दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करना है, जो कई एरिया में फैला हुआ है।

यूक्रेनी मीडिया (कीव इंडिपेंडेंट): यूक्रेनी मीडिया ने इस पूरे सप्ताह को भारत की कूटनीति की परीक्षा जैसा बताया। उन्होंने सवाल उठाया कि भारत रूस के साथ रिश्ते भी बनाए रखना चाहता है और यूक्रेन पर अपनी शांति की प्रतिबद्धता भी। अखबार ने 2024 में जेलेंस्की से युद्ध खत्म कराने में मदद करने के वादे पर मोदी के टिके रहने को महत्वपूर्ण सवाल बताया। उन्होंने कोल्ड वॉर के समय से चली आ रही दोस्ती को भी याद किया।

V. खाड़ी और पाकिस्तानी मीडिया: व्यापार और रक्षा पर जोर

कतर मीडिया (अल जज़ीरा): अल जज़ीरा ने पीएम मोदी के गले लगाकर स्वागत करने को दोनों नेताओं के बीच मजबूत व्यक्तिगत समीकरण का प्रतीक बताया। पुतिन के हवाले से कहा गया कि यदि अमेरिका रूस से परमाणु ईंधन खरीद सकता है, तो भारत को भी रूसी तेल खरीदने का पूरा अधिकार है। उन्होंने बताया कि 2022 के 2.5% से बढ़कर भारत अब रूस से लगभग 36% तक तेल खरीद रहा है।

यूएई मीडिया (खलीज टाइम्स): खलीज टाइम्स ने इस यात्रा को अमेरिकी दबाव के बीच अहम बताया और रक्षा मंत्री आंद्रेई बेलोउसॉफ जैसे मंत्रियों के बड़े मंडल की उपस्थिति के कारण रक्षा समझौतों पर चर्चा की संभावना जताई।

पाकिस्तानी मीडिया (द डॉन): द डॉन ने कहा कि इस दौरे का मुख्य फोकस व्यापार और रक्षा सहयोग को मजबूत करना है। उसने दावा किया कि रूस भारत को S-400 सिस्टम और Su-57 की जॉइंट प्रोडक्शन की पेशकश कर सकता है। हालांकि, उसने यह भी नोट किया कि अमेरिका को नाराज न करने के लिए भारत ने रूसी तेल की खरीद कुछ कम की है।

पुतिन मोदी शिखर वार्ता पर वैश्विक मीडिया की ये प्रतिक्रियाएं स्पष्ट रूप से दर्शाती हैं कि अंतरराष्ट्रीय भू-राजनीति में भारत एक मजबूत और स्वतंत्र आवाज के रूप में उभर रहा है, जो किसी भी गुट के दबाव के आगे झुकने को तैयार नहीं है।

लेटेस्ट हिंदी समाचार अपडेट के लिए Facebook पर लाइव भारत टाइम्स के पेज को फॉलो करें।

Related posts

बहुप्रतीक्षित फिल्म विक्रम वेधा का विस्फोटक टीजर रिलीज, एक बार फिर रीमेक

Live Bharat Times

बिहार चुनाव: अजय निषाद ने की पत्नी संग भाजपा में ‘घर वापसी’

Live Bharat Times

UP Weather: बढ़ी किसानों की मुश्किलें, 25 और 26 फरवरी को प्रदेश के इन इलाकों में बारिश की संभावना

Live Bharat Times

Leave a Comment