
वाराणसी में श्रीकाशी विश्वनाथ धाम और अन्नपूर्णा मंदिर के बीच दीवार को लेकर लगभग एक सप्ताह से चल रहा विवाद सुलझ गया है। संभागायुक्त दीपक अग्रवाल व महंत शंकर पुरी के बीच वार्ता के बाद श्रीकाशी विश्वनाथ धाम से अन्नपूर्णा मंदिर जाने के लिए उत्तर-दक्षिण दिशा में छह फीट चौड़ा दरवाजा लगाने का निर्णय लिया गया है. बता दें कि महंत शंकर पुरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस मुद्दे पर ध्यान देने का अनुरोध किया था।
बाउंड्रीवाल निर्माण को लेकर हुआ था विवाद
अन्नपूर्णा मंदिर के सामने श्रीकाशी विश्वनाथ धाम की चारदीवारी बनाई जा रही थी। प्रशासन ने बताया कि विश्वनाथ धाम से अन्नपूर्णा मंदिर तक जाने के लिए 2.5 फीट चौड़ा गेट बनाया जा रहा है. इसका विरोध करते हुए अन्नपूर्णा मंदिर के महंत शंकर पुरी ने चारदीवारी का काम रोक दिया था. उन्होंने कहा कि बाबा दरबार से मां अन्नपूर्णा के मंदिर तक जाने वाला रास्ता पहले से ही संकरा है. छह फीट चौड़ा द्वार बनाया जाए ताकि बाबा के दरबार में आने वाले भक्तों को मां अन्नपूर्णा की पूजा और पूजा में कोई परेशानी न हो।
प्रशासन ने महंत शंकर पुरी की बात पर ध्यान नहीं दिया तो उन्होंने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से गुहार लगाई थी. इसके बाद श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुनील कुमार वर्मा के साथ संभागायुक्त दीपक अग्रवाल ने घटनास्थल का निरीक्षण किया. इसके साथ ही संभागायुक्त ने महंत शंकर पुरी से बात कर उन्हें आश्वासन दिया कि श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए उनकी मांग के अनुसार निर्माण कार्य कराया जाएगा.
महंत शंकर पुरी ने कहा कि श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के निर्माण कार्य को लेकर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है. उनकी मांग थी कि बाबा दरबार से मां अन्नपूर्णा के मंदिर तक भक्तों की आवाजाही के दौरान उनकी सुविधा को ध्यान में रखते हुए एक गेट बनाया जाए. अधिकारियों ने अपनी मांग के अनुसार गेट बनवाने का आश्वासन दिया है और अब कोई दिक्कत नहीं है.
