

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के पिपराइच थाना क्षेत्र के जंगल धूसड़ में एक दंपत्ति ने आत्महत्या कर ली। मूलरूप से महराजगंज के रहने वाले बत्तीस वर्षीय विवेकानंद दुबे ने अपनी पत्नी छब्बीस वर्षीय माधुरी के साथ जहर खाकर जान दे दी। अभी तक की जांच में पारिवारिक कलह और आर्थिक तंगी से परेशान होकर आत्मघाती कदम उठाने की बात सामने आई है। अभी तक प्राप्त जानकारी के अनुसार जंगल धूसड़ इलाके के जिस किराये के मकान में दंपत्ति ने आत्महत्या करी उसमे वो हाल ही में 25 नवंबर को रहने आये थे। इसके पहले वो किसी और जगह किराये पर रहते थे।
पारिवारिक विवाद के चलते विवेकानंद पत्नी के साथ गोरखपुर चला आया था। उसने पहले पंडिताई की, लेकिन जब इससे उसका खर्चा नहीं चला तो उसने ऑटो चलना शुरू कर दिया। लेकिन इसके बाद भी बहुत कुछ नहीं बदल पाया। ऑटो की किस्त भरना भी विवेकानंद के लिए मुश्किल हो गया था। पारिवारिक विवाद के बीच ही आर्थिक तंगी से विवेकानंद पूरी तरह से टूट गए और पत्नी के साथ जीवन को ही समाप्त कर दिया।मृत विवेकानंद के पिता दीनानाथ ने बताया कि बेटा गलत लोगों की संगत में आ गया था। कर्ज से आर्थिक तंगी में था और काफी परेशान था। बृहस्पतिवार शाम में बात हुई थी, लेकिन इस बात की आशंका नहीं थी कि वह आत्मघाती कदम उठा लेगा। पारिवारिक विवाद के मसले पर पिता कुछ भी बोलने से बच रहे हैं।
वहीँ विवेकानंद से प्राप्त डायरी में उसने लिखा था की पिता जी, आपकी संपत्ति से एक कौड़ी भी नहीं चाहिए, बहनों को दे देना। आगे लिखा है कि अब थक गया हूं, परिवार और खुद से लड़ते-लड़ते, इसलिए सब खत्म कर रहा हूं। पुलिस को विवेकानंद दुबे की डायरी से मिले सुसाइड नोट में इन बातों का जिक्र है। पुलिस को यह भी पता चला है कि विवेकानंद ने एक ऑटो भी लोन पर लिया था। लेकिन पिछले चार महीने से वह किस्त नहीं भर पाया था। शादी को पांच साल का समय गुजर चुका था, लेकिन औलाद नहीं थी। एक साथ आई इन परेशानियों को दंपती झेल नहीं पाए और आत्मघाती कदम उठा लिया।
