

हर घर में एक पूजा स्थान जरूर होता है। रोजाना पूजा स्थान में भगवान की पूजा की जाती है। इसके अलावा दीपक भी जलाया जाता है इसलिए पूजा स्थान का बहुत ज्यादा महत्व होता है। अगर आप अपने घर में सुख और समृद्धि चाहते हैं तो पूजा स्थान के लिए भी आपको वास्तु नियमों का ध्यान रखना चाहिए। वास्तु शास्त्र में बहुत से छोटे-मोटे नियम बताए गए हैं। अगर आप उनका पालन करते हैं तो आपके जीवन में समृद्धि बढ़ती है। साथ ही आप अपने जीवन में सफलता की और आगे बढ़ते हैं। पूजा स्थान को लेकर भी कुछ नियम बताए गए हैं। आज हम इसी के बारे में विस्तार से बात करेंगे।
घर में पूजा स्थान सीढ़ियों के नीचे नहीं होना चाहिए। इसके अलावा दक्षिण दिशा में पूजा स्थान नहीं रखना चाहिए। घर के ईशान या फिर वायु कमरे में आप पूजा स्थान बना सकते हैं। पूजा स्थान इस तरीके से रखें कि आपका मुख पूर्व दिशा की तरफ रहे। अगर आप चाहें तो पूजा स्थान को पश्चिम मुखी भी बना सकते हैं। यानी कि जब आप पूजा करें तब आपका मुख पश्चिम दिशा की तरफ रहे। अगर आप चाहें तो पूजा स्थान को ब्रह्म स्थान में भी बना सकते हैं। पूजा स्थान को उत्तर मुखी या फिर दक्षिण मुखी रखने से बचना चाहिए। अगर आप गणेश जी की पूजा करते हैं तो इस तरीके से रख सकते हैं। रोजाना पूजा स्थान में घी का दीपक जरूर जलाएं। साथ ही हफ्ते में एक बार कपूर भी जरूर जलाएं।
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