

असम सरकार के एक दावे से सियासी घमासान शुरू हो गया है। मंगलवार को असम सरकार ने एक विज्ञापन जारी करके दावा किया है कि भीमाशंकर नाम का देश का छठा ज्योतिर्लिंग असम राज्य में है। वहीं, इस विज्ञापन के बाद महाराष्ट्र कांग्रेस ने आपत्ति जताते हुए आरोप लगाया कि, असम की बीजेपी सरकार शताब्दियों से हिंदू आस्था के केंद्र रहे ज्योतिर्लिंग उड़ा ले गई
बीजेपी सरकार की अब धार्मिक केंद्र उठा लेने की कोशिश: कांग्रेस
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र कांग्रेस पार्टी के नेता सचिन सावंत ने इस मामले में तीव्र आपत्ति लेते हुए कहा कि, अब तक दूसरे राज्य की बीजेपी सरकारे महाराष्ट्र के निवेशक चुराती थी, लेकिन अब तो धार्मिक केंद्र उठा लेने की कोशिश की जा रही है। भीमाशंकर देवस्थान के मुख्य पुजारी ने कहा कि, असम सरकार ने जो दावा किया है उस पर किसी को विश्वास नहीं करना चाहिए। बता दें कि, महाराष्ट्र के पुणे जिले का भीमाशंकर मंदिर देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में बेहद प्रसिद्ध है। यह तीर्थ क्षेत्र भीमा नदी के उद्गम स्थल में घने जंगल के बीच पहाड़ियों में है। सह्याद्रि पर्वत श्रंखला की पहाड़ी पर चढ़ने के बाद 325 सीढ़ियां उतरकर यहां पहुंचा जाता है।
असम सरकार ने विज्ञापन जारी कर किया दावा
मीडिया सूत्रो के मुताबित, असम सरकार ने एक विज्ञापन जारी कर दावा किया कि श्री भीमाशंकर गुवाहाटी के पमोही में बारह ज्योतिर्लिंगों में से छठा है, और यह असम राज्य में डाकिनी पहाडि़यों की तलहटी में स्थित है। साथ ही महाशिवरात्रि के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को यहां आने की अपील भी असम के मुख्यमंत्री ने की है। इस विज्ञापन पर कांग्रेस ने निशाना साधा है। कांग्रेस नेता सचिन सावंत ने ट्वीट कर कहा कि, अन्य राज्यो की बीजेपी सरकार अब महाराष्ट्र में उद्योगों के साथ-साथ महत्त्वपूर्ण तीर्थ और धार्मिक क्षेत्रों को भी हड़पना चाहती है। उन्होंने कहा कि हम इस दावे का विरोध करते है।
