

रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते बदलते वैश्विक व्यापार संबंधों के बीच भारतीय मुद्रा रुपये का भी वैश्विक स्तर पर वजन बढ़ रहा है, जिससे रुपया जल्द ही अंतरराष्ट्रीय मुद्रा बन सकता है। मिली जानकारी के अनुसार, रूस और श्रीलंका के बाद चार अफ्रीकी देशों समेत कई देश भारत के साथ रुपये में व्यापार करने की तैयारी कर रहे हैं। अब तक भारत में 20 बैंकों में वोस्ट्रो खाते खोले जा चुके हैं, जो रुपए में कारोबार करने के लिए आवश्यक हैं।
रिजर्व बैंक के सूत्रों ने बताया कि जर्मनी, इजराइल समेत 64 देश भारत के साथ रुपये में व्यापार करने को लेकर बातचीत कर रहे हैं। यदि भारत का 30 देशों के साथ व्यापार रुपये में शुरू होता है, तो रुपये को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा का खिताब मिल जायेगा। डॉलर पर निर्भरता कम करने के भारत का प्रयास रंग लाता दिख रहा है। रिजर्व बैंक ने जुलाई, 2022 में रुपए में ट्रेडिंग का प्रस्ताव पेश किया था।
वर्तमान में जिन देशों के साथ रुपये में व्यापार लेनदेन के लिए बातचीत चल रही है, उनमें से अधिकांश देशों के विदेशी मुद्रा भंडार में डॉलर के स्तर में गिरावट आई है। इन देशों में ताजिकिस्तान, सूडान, लक्जमबर्ग समेत कुछ देश शामिल हैं। सूत्रों ने बताया कि भारत के पड़ोसी देश नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार भी इसमें दिलचस्पी दिखा रहे हैं।
रुपये में व्यापार करने से न केवल डॉलर पर भारत की निर्भरता कम होगी, बल्कि इसके कच्चे तेल जैसे प्रमुख आयात पर अरबों डॉलर की बचत होने की भी संभावना है। डॉलर के मजबूत होने से देश के लिए सामान का आयात महंगा होने से राहत मिलने की भी संभावना है।
