
- आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) की रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स की सैलरी में 30 से 34 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी संभव है।
- इस आयोग के लागू होने से लगभग 1.1 करोड़ लोग (44 लाख कर्मचारी और 68 लाख पेंशनर्स) लाभान्वित होंगे।
- आयोग के जनवरी 2026 से लागू होने की संभावना है, जिससे बेसिक सैलरी, भत्ते और रिटायरमेंट बेनिफिट्स में सीधा फायदा होगा।
नई दिल्ली, 11 जुलाई 2025: केंद्र सरकार के लाखों कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक बड़ी राहतभरी खबर सामने आई है। लंबे समय से प्रतीक्षित आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) से जुड़ी एक नई रिपोर्ट ने करोड़ों लोगों की उम्मीदें बढ़ा दी हैं। इस रिपोर्ट के अनुमान के अनुसार, अगर आठवां वेतन आयोग लागू होता है, तो कर्मचारियों और पेंशनर्स की सैलरी और पेंशन में 30 से 34 प्रतिशत तक की भारी वृद्धि देखने को मिल सकती है। यह बढ़ोतरी उनकी आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
कितने लोगों को मिलेगा 8वें वेतन आयोग का लाभ?
ब्रोकरेज फर्म एम्बिट कैपिटल की रिपोर्ट के अनुसार, आठवें वेतन आयोग के लागू होने से देश भर में लगभग 1.1 करोड़ लोगों को सीधा फायदा होगा। इस आंकड़े में केंद्र सरकार के 44 लाख वर्तमान कर्मचारी और करीब 68 लाख पेंशनर्स शामिल हैं। इस आयोग का सीधा असर कर्मचारियों की बेसिक सैलरी, विभिन्न भत्तों (जैसे महंगाई भत्ता, मकान किराया भत्ता, यात्रा भत्ता) और रिटायरमेंट बेनिफिट्स पर पड़ेगा, जिससे उनकी कुल आय में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। पेंशनर्स को भी सैलरी स्ट्रक्चर में बदलाव का लाभ मिलेगा, हालांकि उन्हें एचआरए और टीए जैसे लाभ नहीं मिलते।
कब से लागू हो सकता है आयोग और क्या है प्रक्रिया?
रिपोर्ट में यह संभावना जताई गई है कि आठवां वेतन आयोग जनवरी 2026 से लागू हो सकता है। हालांकि, यह अभी केवल आयोग के गठन की घोषणा का चरण है। आयोग का अध्यक्ष कौन होगा, आयोग अपनी रिपोर्ट कब तक तैयार करेगा, और सरकार की मंजूरी कब मिलेगी — ये सभी महत्वपूर्ण प्रक्रियाएं अभी बाकी हैं। इन सभी चरणों को पूरा होने में समय लगेगा, लेकिन जनवरी 2026 की समय-सीमा एक उम्मीद जगा रही है। सरकार द्वारा आयोग की सिफारिशों को स्वीकार करने के बाद ही इसे लागू किया जाएगा।
फिटमेंट फैक्टर: सैलरी बढ़ोतरी का मुख्य आधार
सैलरी बढ़ाने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका फिटमेंट फैक्टर निभाता है। यह एक ऐसा गुणांक होता है जिससे मौजूदा बेसिक सैलरी को गुणा करके नई सैलरी तय की जाती है। 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 रखा गया था, जिसके परिणामस्वरूप न्यूनतम सैलरी 7,000 रुपये से बढ़ाकर 18,000 रुपये कर दी गई थी। इस बार, जानकारों का अनुमान है कि यह फैक्टर 1.83 से 2.46 के बीच रह सकता है, जो पिछली बार से कम है लेकिन फिर भी 30-34% की वृद्धि का मार्ग प्रशस्त करेगा।
वेतन आयोगों का इतिहास और संभावित वृद्धि
अगर हम पिछले वेतन आयोगों के इतिहास पर गौर करें, तो 6वें वेतन आयोग (2006 में लागू) में कुल वेतन में लगभग 54% की वृद्धि देखी गई थी। वहीं, 7वें वेतन आयोग (2016 में लागू) में बेसिक सैलरी में 14.3% और अन्य भत्तों समेत कुल 23% की बढ़ोतरी हुई थी। ऐसे में, अब 8वें आयोग से 30-34% वृद्धि की संभावना काफी उत्साहजनक मानी जा रही है, क्योंकि यह पिछले आयोग की तुलना में अधिक है।
सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में सिर्फ मूल वेतन ही नहीं, बल्कि महंगाई भत्ता (DA), मकान किराया भत्ता (HRA), यात्रा भत्ता (TA) और अन्य सुविधाएं भी शामिल होती हैं। पहले जहां मूल वेतन कुल सैलरी का 65% हुआ करता था, अब यह 50% के आसपास आ गया है, जबकि बाकी हिस्से में भत्तों की हिस्सेदारी बढ़ गई है। यह बदलाव सैलरी स्ट्रक्चर को अधिक व्यापक बनाता है।
आठवें वेतन आयोग से जुड़ी इस रिपोर्ट ने निश्चित रूप से करोड़ों कर्मचारियों और पेंशनर्स के चेहरों पर मुस्कान ला दी है। अगर सरकार इस आयोग को समय पर लागू करती है और सिफारिशों को मानती है, तो यह जनवरी 2026 से करोड़ों परिवारों की आर्थिक स्थिति को महत्वपूर्ण रूप से बेहतर बना सकता है। अब सभी की निगाहें आयोग की औपचारिक नियुक्ति और उसकी बहुप्रतीक्षित सिफारिशों पर टिकी हैं।
