Hindi News, Latest News in Hindi, हिन्दी समाचार, Hindi Newspaper
Breaking News
ब्रेकिंग न्यूज़भारतराजनीतिराज्य

तमिलनाडु हिंदी बैन: सांस्कृतिक संरक्षण या 2026 चुनाव की राजनीति?

DMK सरकार के हिंदी विरोध विधेयक पर विवाद; BJP ने बताया 'मूर्खतापूर्ण' कदम

तमिलनाडु हिंदी बैन सांस्कृतिक संरक्षण या 2026 चुनाव की राजनीति
  • DMK सरकार ने हिंदी होर्डिंग्स, फिल्मों और गानों पर प्रतिबंध लगाने के लिए विधेयक लाने की योजना बनाई थी, जिसका उद्देश्य तमिल भाषा और संस्कृति की रक्षा करना बताया गया।
  • विपक्षी बीजेपी ने इस कदम को ‘मूर्खतापूर्ण’ बताते हुए आरोप लगाया है कि DMK सरकार प्रशासनिक विफलताओं से ध्यान भटकाने और चुनावी ध्रुवीकरण के लिए भाषा को राजनीतिक हथियार बना रही है।
  • आलोचकों का मानना है कि किसी भाषा पर प्रतिबंध लगाना समावेशिता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के विरुद्ध है, जबकि सच्चा सांस्कृतिक गौरव सेंसरशिप से नहीं, बल्कि आत्मविश्वास से आता है।

चेन्नई, तमिलनाडु, 16 अक्टूबर 2025: तमिलनाडु की सत्ताधारी द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) सरकार द्वारा राज्य में हिंदी होर्डिंग्स, फिल्मों और गानों पर प्रतिबंध लगाने के लिए विधानसभा में विधेयक लाने की योजना ने एक बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। हालाँकि, व्यापक विरोध के बाद सरकार ने फिलहाल इस प्रस्तावित विधेयक को स्थगित करने का फैसला किया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम सांस्कृतिक संरक्षण से ज़्यादा 2026 विधानसभा चुनाव से पहले वोट-बैंक की राजनीति को साधने का प्रयास है।

विधेयक पर डीएमके का रुख: थोपने का विरोध

मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के नेतृत्व वाली DMK सरकार लंबे समय से केंद्र पर त्रि-भाषा फॉर्मूले और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से हिंदी थोपने का आरोप लगाती रही है। डीएमके नेताओं का तर्क है कि यह विधेयक हिंदी थोपे जाने के खिलाफ तमिल आत्म-सम्मान की लड़ाई का हिस्सा है।

तमिल पहचान की रक्षा: सरकार का दावा है कि यह कदम तमिल पहचान और भाषाई स्वायत्तता की रक्षा के लिए आवश्यक है। डीएमके के वरिष्ठ नेता टीकेएस एलंगोवन ने भी स्पष्ट किया है कि वे संविधान के विरुद्ध कुछ नहीं करेंगे और उनका विरोध केवल हिंदी थोपने से है, न कि हिंदी भाषा से।

संविधान के दायरे का दावा: अधिकारियों ने जोर देकर कहा कि प्रस्तावित कानून संविधान के अनुच्छेद 343 से 351 के तहत अंग्रेजी को सह-आधिकारिक भाषा के रूप में बनाए रखने के प्रावधानों का पालन करेगा और कानूनी अनुपालन को सुनिश्चित करेगा।

इसे भी पढ़ें: जदयू उम्मीदवार जाति संतुलन: नीतीश का ‘Mandal 2.0’ और सामाजिक न्याय का मास्टरस्ट्रोक

बीजेपी और विपक्ष का हमला: विभाजनकारी राजनीति

प्रस्तावित विधेयक पर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है, जिसने इस पूरे मामले को चुनावी रंग दे दिया है।

बीजेपी का आरोप: बीजेपी नेता विनोज सेल्वम ने इस कदम को “मूर्खतापूर्ण और बेतुका” करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि डीएमके सरकार फॉक्सकॉन निवेश मुद्दे जैसे विवादास्पद मामलों और हालिया अदालती असफलताओं से जनता का ध्यान हटाने के लिए भाषा संबंधी बहस का इस्तेमाल कर रही है। बीजेपी का कहना है कि DMK विभाजनकारी राजनीति का सहारा ले रही है, ताकि 2026 विधानसभा चुनाव से पहले द्रविड़ कार्ड को फिर से सक्रिय किया जा सके।

अखंडता का उल्लंघन: आलोचकों का तर्क है कि तमिलनाडु में हिंदी को प्रतिबंधित करने का प्रयास विविधतापूर्ण भारत की भावना के विरुद्ध है। उनका कहना है कि सच्चा सांस्कृतिक आत्मविश्वास अपनी भाषा को दबाने से नहीं, बल्कि दूसरी भाषाओं का सम्मान करते हुए अपनी भाषा को प्रोत्साहित करने से आता है। इस तरह का प्रतिबंध अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और समावेशिता के सिद्धांत का उल्लंघन करता है।

2026 चुनाव से पहले ध्रुवीकरण की कोशिश

यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है जब 2026 तमिलनाडु विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू हो चुकी है।

डीएमके की रणनीति: विश्लेषकों का मानना है कि DMK, जो राज्य में हिंदी विरोध के इतिहास से जुड़ी हुई है, इस मुद्दे को उठाकर अपने पारंपरिक द्रविड़ वोट बैंक को एकजुट करना चाहती है और बीजेपी को राज्य में पांव पसारने से रोकना चाहती है। हिंदी विरोध का मुद्दा DMK के लिए एक अचूक चुनावी हथियार रहा है।

सांस्कृतिक प्रतीकवाद: इससे पहले, स्टालिन सरकार ने राष्ट्रीय रुपये के प्रतीक चिह्न ‘₹’ को हटाकर तमिल अक्षर ‘று’ (ru) का इस्तेमाल किया था, जिस पर भी केंद्र और राज्य के बीच विवाद हुआ था। ये कदम बताते हैं कि DMK सांस्कृतिक प्रतीकवाद का उपयोग करके तमिल अस्मिता को चुनावी लाभ के लिए भुना रही है।

फिलहाल, विधेयक को स्थगित करने का फैसला DMK को कानूनी और राजनीतिक आलोचना दोनों से बचाव का समय देगा। हालांकि, यह स्पष्ट है कि तमिलनाडु में भाषा की राजनीति 2026 के चुनावों तक एक प्रमुख चुनावी मुद्दा बनी रहेगी।

लेटेस्ट हिंदी समाचार अपडेट के लिए Facebook पर लाइव भारत टाइम्स के पेज को फॉलो करें।

Related posts

इस शहर में मिल रहा है 1299 में रसोई गैस, जाने आपके शहर में क्या है गैस के दाम।

Live Bharat Times

शिवपाल का बड़ा बयान : पद नहीं जिम्मेदारी बड़ी चीज़ पार्टी के लिए

Admin

माल्या पर 2 हजार रुपये जुर्माना : अवमानना ​​मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 4 महीने की सजा; कहा- सजा जरूरी, क्योंकि माल्या को अफसोस नहीं

Live Bharat Times

Leave a Comment